IHU Variant
आज हम बात करने वाले हैं कोरोना के ओमीक्रॉन से ज्यादा खतरनाक एक और नए वैरिएंट की …दुनियां अभी कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन के खतरे को समझने में ही जुटी है कि अब एक और नया वैरिएंट आ धमका है…कहा जा रहा है कि संक्रमण के मामले में यह ओमीक्रॉन का भी बाप है… अगर ये सच है तो अभी सुस्ताने का समय नहीं आया है…
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अभी अभी खबर आई है कि फ्रांस में ओमिक्रॉन से ज्यादा खतरनाक कोरोना का ‘IHU’ वैरिएंट, मिला है और वैज्ञानिकों को आशंका है कि यह दुनिया भर में लोगों को हलाकान कर सकता है….अभी तो दुनियां कोरोना के तेजी से फैलने वाले वैरिएंट ओमिक्रॉन से ही जूझने में लगी है…ओमीक्रोन का फैलाव अब कम्युनिटी लेवल पर दिखाई देने लगा है…खबरें आई है कि दिल्ली में जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे गए नमूनों में से 84 फीसदी ओमिक्रॉन पॉजिटिव हैं। ओमीक्रॉन को लेकर चिंता जताई गई थी तो कहा गया था कि दूसरी लहर में करीब 25 हजार लोगों को रोज अस्पताल में भर्ती कराना पड़ रहा था और ओमीक्रॉन का संक्रमण बढ़ा तो पीक के दौरान 40-50 हजार लोगों को रोज भर्ती कराना पड़ सकता है ….हालांकि यह सिर्फ अनुमान है…पर अनुमान ने भी सरकारों को चिंतित कर रखा है क्योंकि इतने मरीजों को रखने की जगह कहां से लाएंगे….खैर दूसरी तरफ राहत की बात यह है कि ओमीक्रॉन का रिकवरी रेट 98% से ज्यादा है….
लेकिन अब जो हम बताने वाले हैं वह सरकारों के लिए ज्यादा चिंता की बात है हालांकि इस पर अभी पूरा रिसर्च होना बाकी है… फ्रांस में वैज्ञानिकों ने हाल में एक और नए वैरिएंट ‘IHU’ को खोजा है, जो ओमिक्रॉन से भी ज्यादा संक्रामक है यानी ज्यादा तेज फैलता है। इस IHU वैरिएंट के बारे में दावा किया जा रहा है कि यह वैक्सीन लगवा चुके और एक बार infected रहे लोगों को भी फिर infect कर सकता है। इस वैरिएंट के 46 म्यूटेशन हो सकते हैं, जो ओमिक्रॉन के मुकाबले कहीं ज्यादा हैं। हालांकि पहले ओमीक्रॉन के बारे में कहा गया था कि उसके 30 से लेकर 50 तक म्यूटेशन हो सकते हैं…खैर बताया गया है कि फ्रांस में नए वैरिएंट के 12 केस पाए गए हैं। सभी संक्रमित लोग अफ्रीकी देश कैमरून की यात्रा करके आए थे।
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WHO यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि फ्रांस के अलावा किसी और देश में यह वैरिएंट अब तक नहीं मिला है। वैसे बता दें कि ओमिक्रॉन वैरिएंट दक्षिण अफ्रीका में नवंबर में मिला था और आज वह सौ से ज्यादा देशों तक पहुंच चुका है….भारत में भी यह अब लगभग सभी राज्यों में फैल चुका है। ये अलग बात है कि यह डेल्टा जैसे दूसरे वैरिएंट्स के मुकाबले कुछ कमजोर दिख रहा है। वैज्ञानिकों का एक वर्ग यह भी कह रहा है कि यह नहीं कहा जा सकता है कि कोरोना के नए वैरिएंट्स… पुराने वैरिएंट्स के मुकाबले ज्यादा खतरनाक हैं। वैसे कुछ वैज्ञानिक यह कहते हैं कि वैरिएंट्स में सबसे खतरनाक वो होते हैं जिनके म्यूटेंट ज्यादा हैं। लेकिन हमारे देश में एम्स में कोवैक्सीन (Covaxin) के ट्रायल को लीड करने वाले कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ संजय राय की राय अलग है उनके मुताबिक साक्ष्य कहता है कि कई बार जब वायरस बहुत ज्यादा म्यूटेट होता है तो कमजोर भी होता जाता है।
वैसे इस फ्रांसिसी वैरिएंट पर अभी तक WHO ने शोध शुरू नहीं किया है। हालांकि, फ्रांस के वैज्ञानिकों का दावा है कि नए वैरिएंट में कई आनुवांशिक परिवर्तन देखे गए हैं। इससे आशंका जताई जा रही है कि यह नया वैरिएंट काफी खतरनाक साबित हो सकता है। हम बता दें कि फिलहाल इस पर रिसर्च करना बाकी है।
वैज्ञानिकों को चिंता इस बात की भी है कि नया वैरिएंट फ्रांस से बाहर फैल सकता है । कहा जा रहा है कि कोरोना के अभी तक जितने भी वैरिएंट सामने आए हैं। उनकी तुलना में यह नया फ्रांसिसी वर्जन बहुत अलग है इसमें अभी तक ऐसा कुछ भी नहीं मिला है, जो इसके दूसरे वैरिएंट में मिला हो। यानी पिछले अनुभव के आधार पर इसके बारे में अनुमान लगाना कठिन है…नया वैरिएंट कई आनुवांशिक परिवर्तनों को दिखाता है। इसका पता मेडिटरेनी इंफेक्शन यूनिवर्सिटी हॉस्टपिटल इंस्टीट्यूट ने लगाया है। हालांकि अभी WHO ने इस नए वैरिएंट पर जांच शुरू नहीं की है। तो एक तरफ ये माना जा रहा है कि ओमीक्रॉन का इंफेक्शन हमें कोरोना से मुक्ति में मदद कर सकता है तो दूसरी तरफ बड़ी संख्या में वैज्ञानिक ये भी मानते हैं कि कोरोना के नए नए वैरिएंट आते रहेंगे….ऐसी खबरों के बीच हम यही उम्मीद कर सकते हैं कि वैक्सीनेशन पूरा हो जाने से दुनियां हर जगह एक बार फिर से बिना मास्क के सांस ले सकेगी….