FARM LAWS REPEALED
Prime Minister Narendra Modi ने कृषि कानूनों (Farm Laws) को 14 महीनों बाद वापस लेने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि सरकार इन तीनों कानूनों को एक अच्छी नीयत से ले कर आई थी मगर कुछ किसानों को ये बात समझा नहीं पाए। प्रधानमंत्री ने किसानों से अब अपने-अपने घर लौटने की भी अपील की।
उन्होंने आगे ये भी बताया कि इसी महीने के अंत में शुरू होनेवाले संसद सत्र में सरकार तीनों कानूनों को संवैधानिक प्रक्रिया से रिपील करेगी यानी वापस लेगी। इस पर किसान नेता Rakesh Tikait ने ऐलान किया है कि जबतक ये कृषि कानून वापस नहीं लिए जाते तबतक आंदोलन जारी रहेगा और किसान उस दिन का इंतज़ार करेंगे जब संसद में इन कानूनों को रद्द किया जायेगा। पर किसी भी कानून को वापस लेने की क्या प्रक्रिया है? और सरकार किस संवैधानिक प्रक्रिया के ज़रिये इन कानूनों को वापस लेगी ? आज बात करेंगे इसी के बारे में।
दरअसल किसी भी कानून को वापस लेने की प्रक्रिया कुछ उसी प्रकार की होती जिस प्रकार किसी कानून को बनाया जाता है। हम step by step इस प्रोसेस को समझते हैं।
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आपको बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी कार्रवाई जारी है। लिहाज़ा इन कानूनों को सुप्रीम कोर्ट से भी रद्द कराया जा सकता है। सरकार चाहे तो सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर इन कानूनों को रद्द करने के लिए अपनी सहमति दे सकती है जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आर्डर के ज़रिये ये कानून रद्द हो जायेंगे।
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