नई दिल्ली : World Sauntering Day : इन दिनों हर कोई दौड़ती-भागती जीवन का हिस्सा बना हुआ है। कामकाज के बोझ और बढ़ते तनाव की वजह से लोग खुद के लिए समय नहीं निकाल पा रहे हैं। ऐसे में समय के अभाव भी वजह से लोग अपनी फिटनेस को भी नजरअंदाज करने लगे हैं। लेकिन सेहत के प्रति यह लापरवाही हम पर ही भारी पड़ने लगती है। ऐसे में रोज की भागदौड़ से लोगों में राहत दिलाने के मकसद से हर साल एक खास दिन मनाया जाता है, जिसका मकसद लोगों को स्वस्थ जीवनशैली के प्रति प्रोत्साहित करना है।
World Sauntering Day : लोगों को अपने स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती के बारे में सोचने का मौका देने के लिए हर साल 19 जून को वर्ल्ड सौंटरिंग डे मनाया जाता है। यह दिन खासतौर पर लोगों को रोज की भागदौड़ से ब्रेक लेने के लिए प्रोत्साहित करता है। हम अक्सर एक हेल्दी लाइफस्टाइल जीने के लिए समय-समय पर, स्वस्थ आदतों को अपनाने, व्यायाम शुरू करने या कम से कम रोजाना चलने की योजना बनाते हैं, लेकिन व्यस्त रहने की वजह से हम इन आदतों को अपना नहीं पाते हैं। ऐसे यह दिन एक नई शुरुआत के लिए बिल्कुल परफेक्ट है। तो चलिए जानते हैं इस के इतिहास और इसके महत्व के बारे में-
World Sauntering Day : विश्व सौंटरिंग दिवस भले ही अन्य अंतरराष्ट्रीय दिनों की तरह महत्वपूर्ण न हो, लेकिन यह निश्चित रूप से फिटनेस और वेलनेस के क्षेत्र में महत्व रखता है। सौंटरिंग शब्द एक क्रिया है, जो चलने की शैली का वर्णन करता है, जिसका अर्थ है धीरे-धीरे चलना। माना जाता है कि इस खास दिन की शुरुआत अमेरिका के मिशिगन में मैकिनैक आइलैंड के ग्रैंड होटल से हुई थी। विश्व सौंटरिंग दिवस की शुरुआत डब्ल्यूटी राबे द्वारा 1970 के बाद से की गई थी। हालांकि, कुछ जगहों में 28 अगस्त को यह दिन मनाया जाता है।
World Sauntering Day : सौंटरिंग से लोगों की एफिशिएंसी 60 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। ऐसा देखा गया है कि जब लोग किसी सीमा में बंधे नहीं होते हैं, तब वे अपने समय में काम को परफेक्शन के साथ करते हैं। साथ ही यह आपकी प्रोडक्टिविटी बढ़ाने में भी मदद करता है। यह मस्तिष्क के रक्त प्रवाह को बढ़ाने में भी मदद करता है। पैदल चलने के कई फायदे हैं। उनमें से एक कैंसर के खतरे को कम करना है।