पुरी: True Story Of Jagannath देशभर में आज जगन्नाथ रथ यात्रा का पर्व धूम धाम से मनाया जा रहा है। इस अवसर पर देशभर में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा की रथ यात्रा निकाली जा रही है। रथ यात्रा के अवसर पर पुरी स्थित भगवान जगन्नाथ के मंदिर से भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है, जिसके लिए कई महीने पहले से तैयारी शुरू हो जाती है। वहीं, अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल जगन्नाथ रथ यत्रा में शामिल होने के लिए करीब 25 लाख श्रद्धालु पुरी पहुंचेंगे। लेकिन क्या आपको पता है कि पुरी जगन्नाथ मंदिर की ध्वजा हवा से विपरीत दिशा में लहराता है? नहीं न…तो चलिए आज आपको बताते हैं कि क्या है इसका रहस्य?
True Story Of Jagannath पुरानी कथाओं की मानें तो जगन्नाथ मंदिर की ध्वजा उल्टी लहराने का सीधा संबंध हनुमान जी से है। बताया जाता है कि भगवान विष्णु को समुद्र की लहरों के तेज आवाज की वजह से सोने में दिक्कत हो रही थी। इस बात की जानकारी जब हनुमान जी को लगी तो उन्होंने समुद्र देवता से हवा दिशा उल्टी करने का निवेदन किया। लेकिन समुद्र देवता ने असमर्थता जताते हुए कहा कि ये मेरे बस में नहीं है, इसके लिए आपको अपने पिता पवन देव से निवेदन करना होगा। यह ध्वनि उतनी ही दूर तक जाएगी जितनी हवा की गति जाएगी। समुद्र देव से निवेदन के लिए हनुमान जी पवन देव के पास पहुंचे और आह्वान किया कि हवा मंदिर की दिशा में न बहे। पवनदेव ने कहा कि यह संभव नहीं है और इसके लिए उन्होंने हनुमान जी को एक उपाय बताया।
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अपने पिता के बताए उपाय के अनुसार हनुमान जी ने अपनी शक्ति से स्वयं को दो भागों में बांट लिया और फिर वे हवा से भी तेज गति से मंदिर की परिक्रमा करने लगे। इससे हवा का ऐसा चक्र बना कि समुद्र की आवाज मंदिर के अंदर न जाकर मंदिर के चारों ओर घूमती रहती है और श्री जगन्नाथ जी मंदिर में आराम से सो जाते हैं। इसी वजह से मंदिर की ध्वजा भी हवा के विपरीत दिशा में लहराता है।
मंदिर के शिखर पर फहराया जाने वाला यह ध्वज प्रतिदिन बदला जाता है। जगन्नाथ मंदिर की ऐसी मान्यता है कि अगर एक दिन के लिए भी झंडा नहीं बदला गया तो मंदिर 18 साल के लिए बंद हो जाएगा। इस मंदिर का प्रसाद भी बड़े ही रोचक तरीके से तैयार किया जाता है। प्रसाद पकाने के लिए 7 बर्तन एक दूसरे के ऊपर रखे जाते हैं, जिसे लकड़ी के चूल्हे पर पकाया जाता है। लेकिन इस प्रक्रिया में सबसे ऊपर के बर्तन में रखी सामग्री पहले पकती है और फिर धीरे-धीरे नीचे के बर्तन में रखी सामग्री पकती है।