रांची: देश में इन दिनों दो राज्यों में विधानसभा चुनाव जारी हैं। इनमें झारखण्ड और महाराष्ट्र शामिल है। इन दो राज्यों के अलावा कई अन्य राज्यों में भी उपचुनाव कराये जा रहे है। बात करें झारखंड की तो यहाँ कल यानी 13 नवम्बर को पहले चरण का मतदान संपन्न हो गया। पहले चरण में 66.18% से ज्यादा वोटिंग हुई है। सबसे ज्यादा मतदान लोहरदगा जिलें में हुआ है। प्रदेश में साल 2019 में विधानसभा चुनावों कुल हुई 63.9% से ज्यादा है। बुधवार को 1.37 करोड़ मतदाताओं में से 66.18 प्रतिशत से ज्यादा मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। 15 जिलों के 43 विधानसभा सीटों पर हुए मतदान के बाद अब अगर चरण की वोटिंग 20 नवम्बर को होगी।
बहरहाल इस चुनाव से पहले भाजपा और कांग्रेस जैसे बड़े सियासी दलों ने जनता से बड़े बड़े वादे किये है। इन्ही वादों में सहारा कंपनी में फंसे पैसों के वापसी का वादा भी शामिल हैं। इसी कड़ी में झामुमो ने सहारा निवेशकों के पैसे लौटाने और उनके हक की लड़ाई लड़ने का वादा किया है। पार्टी के केंद्रीय महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने कहा है कि यह राज्य सरकार का मामला नहीं है। (how do i get my money back from sahara india?) इसके बावजूद पार्टी निवेशकों को आश्वस्त करती है कि उनके हर स्तर की लड़ाई में झामुमो की भागीदारी होगी। यह लड़ाई चाहे कोर्ट के स्तर पर हो या सरकार के। उन्होंने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी उनके साथ तब तक खड़ा रहेगी जब तक पैसा वापस नहीं हो जाता।
इस संबंध में किये गए प्रेस वार्ता के दौरान सहारा में निवेश करने वाले कई पीड़ित भी मौजूद रहे। विनोद ने कहा कि झारखंड के 1.50 करोड़ निवेशकों ने करीब 20 हजार करोड़ रुपए निवेश किया है। आज यह राशि 40 हजार करोड़ से ज्यादा हो गई है।
बहरहाल सत्ताधारी झामुमो को उम्मीद है कि चुनाव के बाद वह मतदाताओं का विश्वास जीतकर एक बार फिर से झारखण्ड की सत्ता पर काबिज होंगे तो वही प्रदेश के निवेशकों को भी उम्मीद हैं कि सरकार उनके पैसे वापस दिलाने में कोई सख्त कदम उठाएगी। अब देखना दिलचस्प होगा कि इस दिशा में नई सरकार क्या कदम उठा पाती है?