जगदलपुर। शहर से लगे सरगीपाल में सैकड़ों की संख्या में पाइन वृक्षों की कटाई किए जाने का मामला सामने आया है। दरअसल, पाइन वृक्ष आम तौर पर हिमालय की दक्षिणी ढलानों, दक्षिण और उत्तर-पूर्व भारत के अधिक ऊंचाई वाले भागों में पाए जाते है। बस्तर में बेहद सीमित मात्रा में इनकी उपस्थिति शहर से लगे लामनी पार्क के समक्ष थी।
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दिखने में बेहद आकर्षक वृक्षों की यह सांख्ला बस्तर के जैव विविधता का भी उदाहरण थी, लेकिन सैकड़ों की संख्या में इन पेड़ों की कटाई वन विभाग के द्वारा की गई है। इसको लेकर स्थानीय पंचायत के ग्रामीणों व इंद्रावती बचाओ आंदोलन समिति के सदस्यों ने आक्रोश व्यक्त किया है। सामाजिक कार्यकर्ता और ग्रामीणों ने इसको लेकर सीसीएफ मोहम्मद शाहिद से मुलाकात कर बचे हुए वृक्षों को न काटने की अपील की है।
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सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है, कि 30 से 40 वर्षों में बस्तर का तापमान बदला है। बस्तर अलग-अलग किस्म की वृक्षों की बहुलता के कारण पहचान रखता है ऐसे में जिन वृक्षों की सहेज कर रखना चाहिए था उनकी कटाई विभाग के द्वारा की जा रही है इसको लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आपत्ति दर्ज कराई है।