Shani Pradosh Vrat 2025: हिन्दू धर्म में हर दिन, तिथि, तीज-त्योहारों, ग्रहों की चाल, नक्षत्र परिवर्तन और प्रदोष व्रत इत्यादि का खास महत्व होता है। लोग दिनों के हिसाब से भगवान की आराधना करते हैं। आज शनिवार का दिन है। इस दिन न्याय के देवता शनि की आराधना की जाती है। शनिवार का दिन होने के साथ आज साल का पहला शनि प्रदोष व्रत भी है। मान्यता है कि प्रदोष काल में शनि देव को प्रसन्न करने से भक्तों के सारे दुख दूर हो जाते हैं। ऐसा करने से शिवजी प्रसन्न होते हैं और आपको शनि की अशुभ दशा में राहत मिलती है। तो आइए जानते हैं शनि प्रदोष व्रत का महत्व, पूजा का मुहूर्त और पूजाविधि विस्तार से।
पौष माह में प्रदोष व्रत 11 जनवरी को है। शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 11 जनवरी सुबह 8 बजकर 21 मिनट से शुरू होगी। यह 12 जनवरी सुबह 6 बजकर 33 मिनट पर समाप्त होगी। प्रदोष काल में पूजा होती है, इसलिए व्रत 11 जनवरी को ही रखेंगे। प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में ही मान्य है। इसलिए यह व्रत 11 जनवरी को रखा जाएगा।
शनि प्रदोष व्रत पर शिव और शनि देव, दोनों की पूजा का महत्व है। इस व्रत को सुबह और शाम, दोनों समय विधि-विधान से किया जाता है। ऐसा करने से शनि की पीड़ा से मुक्ति और शिव जी का आशीर्वाद मिलता है। आइए जानते हैं शनि प्रदोष व्रत की पूजा विधि के बारे में..