महाकुंभ नगरः Prayagraj Mahakumbh Stampede उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में मौनी आमवस्या पर बुधवार को अमृत स्नान के दौरान भगदड़ मच गई। इसमें 10 लोगों की मौत की खबर है। कुछ को बेहोशी की हालत में अस्पताल ले जाया जा रहा है। भगदड़ के बाद प्रशासन के अनुरोध पर सभी 13 अखाड़ों ने आज मौनी अमावस्या का अमृत स्नान रद्द कर दिया है। पीएम मोदी ने सीएम योगी से फोन पर बात की। उन्होंने घटना के बारे में जानकारी ली। ये पहला मौका नहीं है जब महाकुंभ में इस तरह की स्थिति बनी है। इसमें पहले वर्ष 1954 और 2013 में भी मौनी अमावस्या के दिन ही भगदड़ मचने से कई लोगों की मौत हो गई थी।
Prayagraj Mahakumbh Stampede वर्ष 1954 के 3 फरवरी को मौनी अमावस्या था। इसको लेकर लाखों लोग संगम स्नान के लिए पहुंचे थे। इसी बीच सुबह करीब 8-9 बजे मेले में खबर फैली कि प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू आ रहे हैं। इस खबर के बाद संगम में स्नान करने आई भीड़ पंडित नेहरू को देखने के लिए उमड़ पड़ी। भीड़ उस ओर दौडी जस तरफ नागा साधु ठहरे हुए थे। भीड़ को अपनी तरफ भीड़ आती देख नागा साधुओं को लगा कि भीड़ उनपर हमले को आ रही है। इस कारण संन्यासी तलवार और त्रिशूल लेकर भीड़ पर हमला करने के लिए दौड़ पड़े। भगदड़ मच गई। जो एक बार गिरा, वो फिर उठ नहीं सका। जान बचाने के लिए लोग बिजली के खंभों से चढ़कर तारों पर लटक गए। कहा जाता है कि भगदड़ में एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।
गौरतलब है कि साल 2013 के दौरान जब प्रयागराज में कुंभ लगा, तब मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के दिन भगदड़ मची थी। हुआ यूं था कि 10 फरवरी के दिन हुए इस हादसे में प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मच गई थी। इस दर्दनाक हादसे में 36 लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी।
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