Arshad Madani On UCC : UCC के लागू होने पर भड़के मौलाना अरशद मदनी, कहा- ‘नागरिकों की धार्मिक स्वतंत्रता को खत्म करने की एक सोची-समझी साजिश है’

Arshad Madani On UCC : UCC के लागू होने पर भड़के मौलाना अरशद मदनी, कहा- 'नागरिकों की धार्मिक स्वतंत्रता को खत्म करने की एक सोची-समझी साजिश है'

  •  
  • Publish Date - January 27, 2025 / 09:47 PM IST,
    Updated On - January 27, 2025 / 09:47 PM IST

नई दिल्ली। Arshad Madani On UCC : उत्तराखंड में आज यानी सोमवार से समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू हो गया है। इसके साथ राज्य में कई तरह के बदलाव भी हुए हैं। जिसमें में अब शादी का रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्या हो गया है। इसके अलावा इस कानून में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल तय की गई है। मुस्लिम समाज भी इस नियम के दायरे में आएंगे। बता दें कि, 27 जनवरी, 2025 से उत्तराखंड भारत का पहला राज्य बन गया है, जहां समान नागरिक संहिता लागू हो गई है। हालांकि उत्तराखंड की बीजेपी सरकार के फ़ैसले की विपक्षी पार्टियां और कुछ धार्मिक समूहों ने विरोध भी किया है। हालांकि, इस फैसले का जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने विरोध किया है और इसे अदालत में चुनौती देने का ऐलान किया है।

Read More: PM Modi And Trump Talk Over Phone: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बात करके गदगद हुए पीएम मोदी, सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कही ये बात

जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा है कि, समान नागरिक संहिता (यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) के नाम पर भेदभाव क्यों? उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता का लागू होना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25, 26 और 29 के विपरीत है, जो नागरिकों के मौलिक अधिकारों को मान्यता देते हुए धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देते हैं। समान नागरिक संहिता लागू करना नागरिकों की धार्मिक स्वतंत्रता को खत्म करने की एक सोची-समझी साजिश है।

Read More: Congress Candidate List For Nagar Palika Chunav 2025: कांग्रेस ने 8 नगर पालिका अध्यक्ष प्रत्याशियों के नामों का किया ऐलान, भाटापारा से सतीश अग्रवाल पर जताया भरोसा 

Arshad Madani On UCC : इसके साथ ही उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि, अगर अनुसूचित जनजातियों को संविधान द्वारा स्वीकृत कानूनों से छूट दी जा सकती है, तो मुसलमानों को क्यों नहीं? उन्होंने कहा कि, जमीयत उलमा-ए-हिंद UCC के लागू होने के फैसले के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाएगी।

 

उत्तराखंड में लागू हुआ यूसीसी क्या है?

उत्तराखंड में लागू हुआ यूसीसी (यूनिफॉर्म सिविल कोड) एक ऐसा कानूनी ढांचा है जो सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक कानून लागू करने की दिशा में एक कदम है। यह धार्मिक और सांस्कृतिक भेदभाव को समाप्त करने के उद्देश्य से लाया गया है।

क्या उत्तराखंड में लागू हुआ यूसीसी से पहले के कानून बदलेंगे?

जी हां, उत्तराखंड में लागू हुआ यूसीसी से पहले के पारंपरिक और धार्मिक आधारित कानूनों को बदलने की संभावना है। इसके तहत एक समान कानूनी व्यवस्था को बढ़ावा दिया जाएगा।

उत्तराखंड में लागू हुआ यूसीसी का उद्देश्य क्या है?

इसका मुख्य उद्देश्य नागरिकों के बीच समानता लाना, व्यक्तिगत स्वतंत्रता को बढ़ावा देना, और कानून के तहत सभी को समान अधिकार सुनिश्चित करना है। यह पारिवारिक और व्यक्तिगत मामलों में एक समान कानूनी प्रक्रिया सुनिश्चित करेगा।