CM Sai on Muslims Reservation: मुस्लिमों को 4% आरक्षण का फैसला, CM विष्णु देव साय ने कहा धर्म आधारित आरक्षण देना निंदनीय

CM Sai on 4% reservation to Muslims: कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के इस निर्णय को लेकर विपक्षी दलों ने विरोध जताया है और इसे अदालत में चुनौती देने की बात कही है।

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  • Publish Date - March 15, 2025 / 10:02 PM IST,
    Updated On - March 15, 2025 / 10:02 PM IST

CM Vishnu Deo Sai on India Victory| Photo Credit: CG DPR

HIGHLIGHTS
  • कांग्रेस सरकार के इस निर्णय को लेकर विपक्षी दलों ने विरोध जताया
  • सरकारी कामों में धर्म आधारित आरक्षण देना निंदनीय
  • मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की

रायपुर: CM Sai on 4% reservation to Muslims, कर्नाटक सरकार ने सरकारी ठेकों में मुस्लिम समुदाय के लिए 4% आरक्षण देने का फैसला किया है, जिसे लेकर सियासी घमासान मच गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की और इसे “संविधान विरोधी” करार दिया।

CM साय ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, “सरकारी कामों में धर्म आधारित आरक्षण देना निंदनीय है। कांग्रेस हमेशा संविधान का गला घोंटने की कोशिश करती है।” उन्होंने आगे कहा कि यह फैसला कानूनी रूप से टिक नहीं पाएगा और इसे न्यायालय में चुनौती दी जाएगी।

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4% reservation to Muslims, मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि यह एक सोचा-समझा षड्यंत्र है, जिसका मकसद तुष्टीकरण की राजनीति करना है। उन्होंने दावा किया कि इस प्रकार की नीतियां समाज में विभाजन पैदा कर सकती हैं।

सीएम साय ने एक्स हैंडल पर लिखा कि ”कांग्रेस शासित कर्नाटक में शासकीय ठेके में धर्म आधारित आरक्षण देना निंदनीय और अस्वीकार्य है। जहां भी दुर्भाग्य से कांग्रेस सत्ता में होती है, वह भारतीय संविधान का सबसे पहले गला घोंटने की कोशिश करती है। यह तुष्टीकरण की पराकाष्ठा है। धर्म आधारित आरक्षण के विरुद्ध वैसे भी अनेक बार माननीय न्यायालयों ने निर्णय दिया है। यह फैसला भी न्यायालय में टिकेगा नहीं, यह कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व भी भली-भांति जानता है।

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किंतु हमेशा की तरह समाज में वैमनस्य पैदा करने के लिए कांग्रेस का यह सोचा समझा षड्यंत्र है। देश-प्रदेश के आदिवासी, दलित और वंचित लोगों को संविधान द्वारा दिये आरक्षण के साथ इस तरह खिलवाड़ सहन योग्य नहीं है। कांग्रेस अध्यक्ष श्री खरगे और राहुल गांधी जल्द से जल्द इसे वापस लेने का निर्देश मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को दें।

CM Sai on 4% reservation to Muslims दु:खद है कि वंचित समाज से आने वाले खरगे जी, सोनिया जी और राहुल जी के बहकावे में आकर अपने ही समाज के विरुद्ध साजिशें रचने में स्वयं को इस्तेमाल होने दे रहे हैं। चेत जाइए खरगे जी। इतिहास इस तरह आपको माफ नहीं करेगा।”

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गौरतलब है कि कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के इस निर्णय को लेकर विपक्षी दलों ने विरोध जताया है और इसे अदालत में चुनौती देने की बात कही है। अब देखना यह होगा कि यह फैसला कानूनी कसौटी पर कितना खरा उतरता है।

सरकारी ठेकों में मुस्लिमों को 4% आरक्षण देने का क्या उद्देश्य है?

सरकार का कहना है कि यह फैसला सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े मुस्लिम समुदायों को ठेकों में भागीदारी देने और उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए किया गया है।

क्या धर्म के आधार पर आरक्षण संविधान के अनुरूप है?

संविधान में आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण की व्यवस्था है, लेकिन धर्म आधारित आरक्षण को लेकर कानूनी बहस जारी है। इसे अदालत में चुनौती दी जा सकती है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस फैसले का विरोध क्यों किया?

CM साय का कहना है कि सरकारी कामों में धर्म के आधार पर आरक्षण देना संविधान के खिलाफ है और कांग्रेस सरकार तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है।

क्या इस फैसले को अदालत में चुनौती दी जा सकती है?

हां, विपक्षी दलों और कई संगठनों ने इस फैसले को कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है। अगर यह संविधान के खिलाफ पाया गया, तो इसे रद्द किया जा सकता है।