सक्ती: Sakti nikay chunav update, निकाय चुनाव से पहले कांग्रेस को सक्ती में बड़ा झटका लगा है। सक्ती जिले में नगर पालिका चुनाव से पहले कांग्रेस अध्यक्ष टिकट बंटवारे को लेकर जबरदस्त घमासान मचा है और इस्तीफे के दौर शुरू हो गए हैं। जिसके बाद कांग्रेस के कद्दावर नेता एवं सक्ती के पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष श्याम सुंदर अग्रवाल ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
बता दें श्याम सुंदर अग्रवाल वर्तमान में जिला उपाध्यक्ष भी थे और वे नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत के बहुत ही करीबी माने जाते हैं। उनके इस्तीफा और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल के बाद से सक्ती कांग्रेस में हड़कंप मचा हुआ है। कांग्रेस पार्टी को इसका नुकसान आगामी नगर पालिका चुनाव में उठाना पड़ सकता है।
इन दिनों नगर पालिका चुनाव चर्चा का विषय बना हुआ है, सभी की निगाहें राजनीतिक दलों और उनकी रणनीतियों पर टिकी हैं। हालांकि एक घटना जिसने सक्ती की राजनीतिक परिदृश्य में काफी हलचल मचा दी है। वह है कांग्रेस की जिला उपाध्यक्ष श्याम सुंदर अग्रवाल का इस्तीफा। इस अप्रत्याशित कदम में न केवल पार्टी को चौंका दिया है, बल्कि नगर पालिका चुनाव में भी उनकी संभावनाओं को भी झटका दिया है। अब श्याम सुंदर अग्रवाल निर्दलीय नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव लड़ने जा रहे हैं।
इस्तीफा देने के बाद श्याम सुंदर अग्रवाल ने कांग्रेस प्रत्याशी रीना गेवाडीन के और उनके पति नरेश गेवाडीन को दलबदलू बताते हुए बताया कि अब तक चार पार्टियों में दल बदल करने वाले लोगों को कांग्रेस टिकट दिया है। इसका जवाब सक्ती की जनता आगामी चुनाव में देगी। इतना ही नही श्याम सुंदर अग्रवाल ने कांग्रेस के प्रत्याशी के पति को भ्रष्टाचारी बताते हुए कहा कि कई भ्रष्टाचार के आरोप उन पर सिद्ध हो चुका है। इसके साथ ही एसआईटी की जांच भी उनके ऊपर चल रहा है।
इस्तीफा देने पर नेताप्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत ने कहा है कि मुझे पूरी विश्वास है और वे अपने आप ही मान जाएंगे। वहीं इस पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष त्रिलोकचंद जायसवाल ने कहा कि वे बहुत दिनों से कांग्रेस से जुड़े हुए थे। बड़े बड़े पदों पर रहे हैं वे नगर पालिका अध्यक्ष के साथ अभी जिला उपाध्यक्ष थे और उनकी पत्नी भी नगर पालिका उपाध्यक्ष रही है और टिकट बंटवारे का काम पार्टी का हो सकता है। उनके मन को कोई ठोस पहुंचा हुआ होगा। इस पर भाजपा जिलाध्यक्ष टिकेश्वर गबेल ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस बिखरी हुई पार्टी है, व्यक्तिगत पार्टी है, परिवार वाद पार्टी है। कांग्रेस में कोई एकजुटता नहीं दिखाई देती है, कांग्रेस दो गुटों में बंट चुकी है, निश्चित ही इसका फायदा भारतीय जनता पार्टी को मिलेगा।