Chandrayaan5 Update: अंतरिक्ष में एक बार फिर इतिहास रचेगा ISRO, चंद्रयान-5 मिशन को केंद्र सरकार ने दी मंजूरी, जानें कब लॉन्च होगा चंद्रयान-4

अंतरिक्ष में एक और इतिहास रचेगा ISRO...Chandrayaan5 Update: ISRO will create another history in space, Central Government has approved

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  • Publish Date - March 17, 2025 / 09:21 AM IST,
    Updated On - March 17, 2025 / 09:22 AM IST

Chandrayaan5 Update | Image Source | Sejal Sud X Handle

HIGHLIGHTS
  • चंद्रयान-5 मिशन को केंद्र सरकार की मंजूरी,
  • चंद्रमा की सतह की स्टडी के लिए 250 kg का रोवर ले जाएगा,
  • चंद्रयान-3 से 10 गुना ज्यादा है चंद्रयान-5,

बेंगलुरु:  Chandrayaan5 Update:  भारत सरकार ने अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। केंद्र सरकार ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-5 को मंजूरी दे दी है। इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि इस मिशन के तहत चंद्रमा की सतह का अध्ययन करने के लिए 250 किलोग्राम वजनी रोवर भेजा जाएगा। इस बार भारत को जापान का भी सहयोग प्राप्त होगा, जिससे इस मिशन की सफलता की संभावना और भी बढ़ गई है।

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चंद्रयान-4 की लॉन्चिंग कब होगी?

Chandrayaan5 Update:  इसरो अध्यक्ष ने यह भी जानकारी दी कि चंद्रयान-4 मिशन को वर्ष 2027 में लॉन्च करने की योजना है। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा से नमूनों को इकट्ठा कर वापस लाना होगा। इससे पहले भारत ने चंद्रयान-3 मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। चंद्रयान-3 के तहत भेजे गए 25 किलोग्राम वजनी रोवर ‘प्रज्ञान’ ने चंद्रमा की सतह पर महत्वपूर्ण डेटा एकत्र किया था। 23 अगस्त 2023 को इस मिशन के लैंडर ‘विक्रम’ ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग की थी।

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चंद्रयान-5 मिशन की विशेषताएँ

Chandrayaan5 Update:  हाल ही में केंद्र सरकार ने इस मिशन को स्वीकृति दी है। भारत इस मिशन को जापान के साथ मिलकर पूरा करेगा। 250 किलोग्राम का रोवर चंद्रमा पर भेजा जाएगा। चंद्रमा की सतह का गहन अध्ययन और नई जानकारियाँ जुटाना होगा। चंद्रयान-4 का उद्देश्य चंद्रमा से नमूने लाकर पृथ्वी पर अध्ययन करना है, जबकि चंद्रयान-5 पूरी तरह अनुसंधान आधारित मिशन होगा।

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भारत के चंद्रयान मिशन की यात्रा

  • चंद्रयान-1 (2008): भारत का पहला चंद्र मिशन जिसने चंद्रमा पर पानी की उपस्थिति की पुष्टि की।
  • चंद्रयान-2 (2019): ऑर्बिटर सफल रहा, लेकिन लैंडर ‘विक्रम’ चंद्रमा पर लैंड नहीं कर सका।
  • चंद्रयान-3 (2023): सफल सॉफ्ट लैंडिंग के साथ ‘प्रज्ञान’ रोवर ने महत्वपूर्ण डेटा भेजा।
  • चंद्रयान-4 (2027): चंद्रमा से नमूने लाकर पृथ्वी पर अध्ययन करने का मिशन।
  • चंद्रयान-5 (निर्धारित तिथि जल्द घोषित होगी): जापान के सहयोग से विकसित नया मिशन।

 

चंद्रयान-5 मिशन क्या है और इसका उद्देश्य क्या है?

चंद्रयान-5 मिशन भारत और जापान का एक संयुक्त चंद्र मिशन है, जिसका मुख्य उद्देश्य चंद्रमा की सतह का गहन अध्ययन करना है। इस मिशन में 250 किलोग्राम का रोवर भेजा जाएगा।

क्या चंद्रयान-5 मिशन में कोई अंतरराष्ट्रीय सहयोग शामिल है?

हां, इस मिशन में जापान का सहयोग शामिल है। भारत और जापान मिलकर इस महत्वाकांक्षी परियोजना को पूरा करेंगे।

भारत का चंद्रयान-4 मिशन कब लॉन्च होगा?

इसरो अध्यक्ष के अनुसार, चंद्रयान-4 मिशन को वर्ष 2027 में लॉन्च करने की योजना बनाई गई है।

चंद्रयान-3 और चंद्रयान-5 में क्या अंतर है?

चंद्रयान-3 का उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करके डेटा एकत्र करना था, जबकि चंद्रयान-5 एक और उन्नत मिशन होगा, जिसमें एक भारी रोवर शामिल होगा और इसे जापान के सहयोग से अंजाम दिया जाएगा।

भारत का अब तक का सबसे सफल चंद्र मिशन कौन सा रहा है?

चंद्रयान-3 मिशन अब तक का सबसे सफल मिशन रहा है, क्योंकि इसने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहली बार सॉफ्ट लैंडिंग की और ‘प्रज्ञान’ रोवर ने महत्वपूर्ण डेटा भेजा।