Fact Check: डेल्टा वैरिएंट से 5 गुना खतरनाक है XBB, खांसी-बुखार की जगह दिखते हैं ऐसे लक्षण? जानें सच्चाई

Fact Check: XBB : भारत स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने ट्वीट करके इस गलत और झूठी जानकारी पर विश्वास ना करने की सलाह दी है। जिसे PIB Fact Check हैंडल से भी रीट्वीट किया गया है।

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  • Publish Date - January 4, 2023 / 04:59 PM IST,
    Updated On - January 4, 2023 / 05:00 PM IST
Fact Check on XBB

Fact Check on XBB

Fact Check on XBB : चीन में ओमिक्रॉन बीएफ.7 वैरिएंट आक्रामक है, मगर भारत में इस वैरिएंट का कोई असर नहीं देखा गया है। हालांकि, Omicron XBB, ओमिक्रॉन बीएफ.7 या अन्य वैरिएंट के ना के बराबर मामले मिलते रहते हैं। भारत में किसी भी वैरिएंट से घबराने वाली कोई बात नहीं है। मगर ओमिक्रॉन एक्सबीबी वैरिएंट के खतरे से जुड़ी गलत जानकारी फैल रही है।

भारत स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने ट्वीट करके इस गलत और झूठी जानकारी पर विश्वास ना करने की सलाह दी है। जिसे PIB Fact Check हैंडल से भी रीट्वीट किया गया है।

तो आइए जानते हैं कि इस फेक मैसेज में Omicron XBB Variant से जुड़ी कौन-सी गलत जानकारी फैलाई जा रही थी। जिस पर विश्वास नहीं करना है।

फैक्ट चेक: Covid-Omicron XBB में नहीं होती खांसी-बुखार?

हेल्थ और कोविड से जुड़ी इस फेक न्यूज में ओमिक्रॉन एक्सबीबी के लक्षण बताए जा रहे थे। कहा जा रहा था कि कोरोना के इस वैरिएंट में खांसी-बुखार नहीं होता है, जो कि झूठ है। भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय, डब्ल्यूएचओ या सीडीसी के द्वारा ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गई है।

इन 4 अंगों में दर्द प्रमुख लक्षण ?

इस हेल्थ फेक न्यूज में जोड़ों में दर्द, सिरदर्द, गर्दन में दर्द, पीठ के ऊपरी हिस्से में दर्द को ओमिक्रॉन एक्सबीबी के लक्षण बताया जा रहा था। इसके अलावा, निमोनिया और भूख बिल्कुल खत्म होने की बात भी कही जा रही थी।

डेल्टा वैरिएंट से 5 गुना खतरनाक है XBB?

फेक मैसेज में ओमिक्रॉन एक्सबीबी वैरिएंट को डेल्टा वैरिएंट से 5 गुना ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा था। इस में कहा गया कि यह वैरिएंट बहुत जल्दी खतरनाक स्टेज पर पहुंचकर जान ले सकता है, जो कि झूठ है।

यहां पढ़ें पूरा फेक मैसेज…

Fact Check: नेजल स्वैब से पकड़ में नहीं आता ये वैरिएंट?

फेक न्यूज में कहा जा रहा था कि ओमिक्रॉन एक्सबीबी वैरिएंट नेजल स्वैब टेस्ट (नाक से होने वाला कोविड टेस्ट) में नहीं पकड़ा जा रहा है। जिसकी वजह से इस टेस्ट के नेगेटिव रिजल्ट बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने फैक्ट चेक करके यह जानकारी भी झूठी बताई है।