Jabalpur News: मेहंदी से बनाई 9 फीट ऊंची बालाजी की पेंटिंग, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कर बढ़ाया परिवार का मान

Jabalpur News: मेहंदी से बनाई 9 फीट ऊंची बालाजी की पेंटिंग, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कर बढ़ाया परिवार का मान

  • Reported By: Abhishek Sharma

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  • Publish Date - June 26, 2024 / 11:58 AM IST,
    Updated On - June 26, 2024 / 11:59 AM IST

जबलपुर। Jabalpur News: आमतौर पर मेहंदी का इस्तेमाल सजने संवरने और खूबसूरत दिखने के लिए किया जाता है, लेकिन इसी मेहंदी से अगर कैनवास पर आकर्षक पेंटिंग बनाई जाए तो हर किसी का चौंकना लाज़मी है। ये कहानी नहीं है, ऐसा हकीकत में हुआ है और ये कारनामा जबलपुर की रहने वाली दीक्षा गुप्ता ने कर दिखाया है। दीक्षा ने कैनवास पर एक-दो नहीं बल्कि 9 फुट ऊंची पेंटिंग बनाकर पूरे परिवार के साथ-साथ जबलपुर का भी नाम रोशन किया है। दीक्षा गुप्ता ने मेहंदी के जरिए 9 फुट लंबी और 6 फुट चौड़ी तिरुपति बालाजी की पेंटिंग बनाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है। इसके साथ ही दीक्षा इससे पहले इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा चुकी हैं। अब जल्द ही एक और नया रिकॉर्ड भी दीक्षा के नाम होगा। यह रिकॉर्ड दीक्षा के नाम होने के बाद पूरे परिवार में खुशी का माहौल है।

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रोजाना कई घंटो तक बनाती थी पेंटिग

दरअसल दीक्षा गुप्ता ने बहुत ही छोटी उम्र से अपने हुनर को पहचाना और आज इसी हुनर से अपनी पहचान बनाई है। शुरू से ही पेंटिंग का शौक रखने वाली दीक्षा गुप्ता बीबीए पास आउट है, इतना ही नहीं वह इससे पहले धर्म और आध्यात्म से जुड़ी कई पेंटिंग को मेहंदी के जरिए आकार दे चुकी है। तिरुपति बालाजी की 9 फुट ऊंची मेहंदी की पेंटिंग बनाने में करीब 3 माह का वक्त और 2 किलो मेहंदी का उपयोग किया गया। दीक्षा के मुताबिक वह रोजाना 5 से 6 घंटे तक मेहंदी कॉर्न की मदद से बालाजी की पेंटिंग बनाती रही।

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पहली बार में मिली थी हार

Jabalpur News:  दीक्षा बताती हैं कि 20 जून 2022 से उन्होंने यह पेंटिंग बनाने की शुरुआत की थी,जिसे 16 सितंबर 2022 को पूरा कर लिया गया और जिसके बाद जनवरी शुरुआत में उन्होंने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड के लिए आवेदन किया था,उनका ये रिकॉर्ड 27 जनवरी को दर्ज कर लिया गया, जिसके बाद 7 अप्रैल को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी नाम दर्ज किया गया।  इसके बाद दीक्षा ने गिनीज ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए आवेदन किया था, लेकिन पहली बार यह रिकॉर्ड ना बन सका, लेकिन दीक्षा ने अपनी हिम्मत को न हारते हुए दोबारा से रिकॉर्ड के लिए 5 अगस्त 2023 को आवेदन किया,हालांकि लंबे समय के बाद 15 जून को यह रिकॉर्ड दीक्षा के नाम हो गया।

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