Face To Face Madhya Pradesh| Image Credit: IBC24
Face To Face Madhya Pradesh: भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल, भोपाल के पुराने इलाके, पुराने इलाकों में मुस्लिम लगातार बढ़े और हिंदू आबादी लगातार घटी। ये दावा है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का। इस दावे ने प्रदेश में नया तूफान खड़ा कर दिया है। क्या वाकई हिंदुओं का पुराने शहर से पलायन हुआ है और क्या पलायन की वजह असुरक्षा का भाव है? और आखिर ऐसा हुआ क्यों, किसकी गलती है, कौन जिम्मेदार है..?
भोपाल के पुराने शहर से हिंदुओं का पलायन सबसे गंभीर मुद्दा बनकर उभरा है। बीते तीन दशकों में करीब 3,000 हिंदू परिवारों ने अपने मकान बेचे और उन्हें दूसरे समुदाय के लोगों ने खरीद लिया। ये खुलासा किया है संघ के मध्य भारत प्रांत के संघचालक अशोक पांडेय ने, जिन्होनें बताया कि पुराने शहर में पलायन हो रहा, कोहेफिजा पूरा खाली हो गया।
दरअसल, RSS ने विदिशा विभाग की 56 व्यवसायी शाखाओं के प्रयास से मध्य भारत क्षेत्र में सामाजिक अध्ययन कर 103 प्रकार की समस्याओं की पहचान की है। ये समस्याएं हर जिले के हिसाब से अलग-अलग हैं, जिसमें भोपाल के पुराने शहर में हिंदुओं के पलायन के हैरान करने वाले आंकड़े आए हैं। हिंदुओं के पलायन को लेकर आरएसएस के सामाजिक अध्ययन की हकीकत जानने के लिए हम उसी इलाके में कोहेफिजामें पहुंचे जहां से सबसे ज्यादा पलायन होने की बात कही गई। यहां हमें श्री हनुमान मंदिर के पुजारी पुरुषोत्तम शर्मा मिले, कुछ स्थानीय लोगों से भी हमने बात की, उन्होंने भी पलायन की बात स्वीकार की।
राजधानी के कोहेफिजा और ओल्ड सिटी से हिन्दू पलायन के आरएसएस के सामाजिक अध्ययन पर सियासत भी शुरू हो गई। कांग्रेस इसे सरकार की असफलता बता रही है। उधर बीजेपी का कहना है कि कोई वर्ग विशेष हिन्दुओं को सता रहा है। दबाव दे रहा है तो सख्त कार्रवाई होगी। पुराने भोपाल से हिंदुओं के पलायन को लेकर मध्यप्रदेश में जारी सियासी तकरार ने एक बार फिर मुस्लिम इलाकों से हिंदुओं के पलायन की पुरानी बहस को छेड़ दिया है।
उत्तरप्रदेश के कई शहरों से हिंदुओं के पलायन की घटना राष्ट्रीय मुद्दा बनती रही है। ऐसे में अल्पसंख्यक बहुल माने जाने वाले पुराने भोपाल शहर से हिंदुओं का पलायन कई सवाल उठता है, जिसका सियासी नजरिए से इतर भी जवाब मिलना जरूरी है।