Reported By: Apurva Pathak
,अयोध्या। Ayodhya News: अयोध्या में भारतीय जनता पार्टी की हार को लेकर यूं तो देश-विदेश में चर्चा हो रही है लेकिन अब अयोध्या के संतों ने भी इस पर मंथन शुरू कर दिया है । हर की वजह तलाशने के लिए अयोध्या में साधु संतों की एक बैठक हुई और इसमें हार के कारणों को लेकर चर्चा ही नहीं हुई बल्कि समीक्षा के बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संतों की तरफ से समीक्षा और सुझाव पत्र भी भेजा गया । इस तरह जो प्रमुख बिंदु अयोध्या में हार के कारणों के बीच चर्चा में है। यही प्रमुख बिंदु अयोध्या में संतों की बैठक के बीच भी चर्चा में रहे । चाहे अयोध्या में सुरक्षा के चलते लोगों को होने वाली परेशानी की बात हो या फिर समुचित मुआवजा न मिलने की बात हो सभी प्रमुख मोदी इस बैठक में भी छाए रहे ।
यूं तो हर कोई अयोध्या में फैजाबाद लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह की हार को लेकर अपनी अपनी समीक्षा कर रहा है। मगर अब अयोध्या के संतों ने भी हार के कारणों को लेकर समीक्षा शुरू कर दी है। अयोध्या में बुधवार की शाम जानकी मंदिर में एक समीक्षा बैठक की और हार के संभावित कर्म को तलाशने की कोशिश की। इस समीक्षा बैठक में सड़क चौड़ीकरण के दौरान व्यापारियों और लोगों को मिले मुआवजे को लेकर भी चर्चा हुई तो सुरक्षा व्यवस्था के चलते संतो को हो रही परेशानी का भी जिक्र किया गया। भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह के संविधान बदलने जैसे बड़बोलेपन की भी चर्चा हुई तो जातिगत रूप में मतदाताओं के बटने पर भी बात हुई। इन्हीं सब बिंदुओं को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी भेजा गया और एक सुझाव भी दिया गया कि भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह की साफ छवि को देखते हुए उन्हें यूपी या केंद्र में कोई भूमिका देने का भी अनुरोध किया गया।
वहीं बताया गया कि अयोध्या के जो साधु संत हैं अथवा वैसे सामान्य नागरिक हैं आने-जाने में यहां बड़ी सुविधा पुलिस कर रही है जो व्यवस्था बनाई गई है। लोगों का कहना है कि कोई भूसा ला रहा है कोई गल्ला रहा है। बिना गल्ला लाये बिना भूसा लाये बिना पानी लाये व्यवस्था कैसे चलेगी। अयोध्या के पास भी नहीं बने हैं। भूसा ला रही गाड़ी तो उसका कौन सा पास बना है। यह भी कहा गया कि अगर अयोध्या का व्यक्ति है तो उसको परमिट कीजिए उसको आने दीजिए। तीसरा यह कहा गया कि बरसात का समय करीब है दुनिया का निर्माण हो रहा है रोज कहीं कोई पुल तोड़ा है कहीं कोई रास्ते में गड्ढा खोदा है कुछ बन रहा है कुछ बिगाड़ रहा है। इसमें इतना पैसा अकूत खर्च हो रहा है कोई ज्ञान नहीं, लेकिन कहा गया है कि बरसात से पहले सारी चीज ठीक कर दीजिए आवागमन सुविधा पूर्वक हो जाए नहीं तो कोई गिरेगा छूटेगा हाथ पांव टूट जाएगा कोई दुर्घटना घट जाएगी।
वहीं व्यापारी लोगों के लिए यह कहा गया है कि उनका कोई उचित ऐसा सहयोग किया जाए समायोजन किया जाए कि उनकी जो समस्या है उनकी जो दुख पीड़ा है दूर की जाए। इसके साथ ही उनकी पीड़ा कहां है उसे समझना चाहिए। उऩ्हें पैसे, भूमि और सम्मान देकर संतुष्ट किया जा सकता है। संतों ने बताया कि हमने पत्र केवल संतुष्टि के लिए रखा है। अब शासन तय करेगी की इसे कैसे संतुष्ट किया जा सकता है। वहीं कहा गया कि केवल दो पत्र जा रहे हैं एक उत्तर प्रदेश शासन के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को और एक भारत सरकार के मुखिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को।
बताया गया कि जिस तरह से की मतदाता हुआ उसमें बहुत सारी चीज नहीं कुछ कमियां हमारी रही उसमें जो निरास्ता रही उसमें उदाहरण है जैसे बूथों का मतदान न हो पाना, बूथों पर मतदान करने ना जा पाना, लोग एक्टिव ना हो करके मतदान न करा पाना यह भी एक कारण रहा। दूसरा कारण यह रहा कि जो जनमानस है जैसे व्यापारी वर्ग हमारे कुछ नाराज रहे। व्यापारी वर्गों के बीच में हमारी प्रतिनिधियों का न जाना एक कारण रहा और कुछ जो रह जातिवाद में डाइवर्ट हो गए जो इसका सबसे बड़ा कारण रहा, जो जातिवाद में लोगों ने मतदान किया यह सबसे बड़ा कारण रहा है।
Ayodhya News: सत्येंद्र दास वेदांती ने बताया कि, सिद्ध पीठ जानकी कुंज वेदन दास महाराज जी द्वारा यह गोष्ठी आयोजित की गई है। हम अयोध्या के सारे संत महात्मा आत्म चिंतन कर रहे हैं कि हारने का क्या कारण है और उसमें कुछ बिंदुएं हैं उन बिंदुओं पर हम सब चिंतित हैं। उसका व्याख्यान हो रहा है हम लोग कथा के लिए बाहर जाते हैं नतमस्तक होना पड़ रहा है। जब अयोध्या में सर्वाधिक इतना उत्थान हुआ है तो अयोध्या में लल्लू सिंह क्यों हार गए। उसमें कुछ खास मुद्दे हैं एक तो लल्लू सिंह का बड़ बोला पन हो गया 400 पार वाली स्थिति हो गई। थोड़ा यह अपने अहंकार के पराकाष्ठा में थे हम तो जीत ही रहे हैं कोई मतलब नहीं है लेकिन चुनाव जब होता है अखाड़ा में पहलवान जाता है तो तैयार होकर जाता है यह आत्म चिंतन का विषय है।