Up to 50 percent subsidy will be available on tea machines : शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य के चाय उद्योग को राहत देने के लिए चाय की पत्तियां तोड़ने वाली मशीनों और उपकरणों पर 50 प्रतिशत सब्सिडी देने का फैसला किया है। इस क्षेत्र से जुड़े लोगों ने कहा कि छोटी और बिखरी हुई भूमि, श्रम और उत्पादन की उच्च लागत, कम उत्पादकता स्तर और पर्याप्त चाय नीलामी केंद्र का न होना राज्य में चाय क्षेत्र के विकास में बाधा डालने वाले कुछ कारक हैं।
Up to 50 percent subsidy will be available on tea machines : इस कदम से कांगड़ा जिले के पालमपुर, बैजनाथ, धर्मशाला और कांगड़ा क्षेत्रों, मंडी जिले के जोगिंदरनगर एवं करसोग क्षेत्रों और चंबा के भटियात में लगभग 5,900 चाय उत्पादकों को लाभ होने की उम्मीद है। प्रदेश के 96 प्रतिशत चाय उत्पादकों की भूमि 0.5 हेक्टेयर से कम है। कृषि सचिव राकेश कंवर ने सोमवार को पीटीआई-भाषा को बताया कि पहले चाय उत्पादकों को कृषि उपकरण योजना के तहत कवर नहीं किया जाता था क्योंकि चाय की खेती के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरण अन्य फसलों के उपकरणों से अलग होते थे।
उन्होंने कहा अब, हमने उन्हें (योजना में)शामिल कर लिया है और उन्हें चाय तोड़ने वाली मशीनों सहित उपकरणों का एक निश्चित सेट खरीदने के लिए सब्सिडी मिलेगी। कांगड़ा में तकनीकी अधिकारी-चाय सुनील पटियाल ने कहा कि यह पहली बार है कि चाय मशीनों पर इतनी सब्सिडी दी जा रही है। चाय तोड़ने वाली मशीनों और अन्य उपकरणों पर सब्सिडी के लिए बजट आवंटित किया गया है और दिशानिर्देश तैयार किए जा रहे हैं। डबल मैन प्लकिंग मशीनों के लिए सब्सिडी 50 प्रतिशत है, जो अधिकतम 80,000 रुपये है, जबकि एकल मानव संचालित मशीनों के लिए अधिकतम राशि 40,000 रुपये होगी। छोटे उत्पादकों के लिए बैटरी चालित मशीनें उपलब्ध कराने का भी प्रावधान किया गया है।