शिमला: SMC Teachers will be permanent, हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य के सरकारी स्कूलों में स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) के तहत तैनात शिक्षकों को नियमित करने का फैसला लिया है। दरअसल, सुक्खू सरकार ने एसएमसी के तहत लगे शिक्षकों को नियमित करने के लिए 5 प्रतिशत एलडीआर (सीमित सीधी भर्ती) कोटा तय कर दिया है।
बता दें कि जेबीटी, टीजीटी, सीएंडवी व पीईटी के लिए यह कोटा पहले से था, लेकिन प्रवक्ता व डीपीई (शारीरिक शिक्षक) के लिए यह कोटा नहीं था। रविवार को आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक ने इन दोनों श्रेणियों के लिए भी यह कोटा देने की मंजूरी दे दी है। पिछले काफी समय से यह प्रक्रिया चली हुई थी। पहले भी कैबिनेट में यह मामला आया था। इसे विधि विभाग से राय मांगी गई थी।
SMC Teachers will be permanent बता दें कि प्रदेश के शासकीय स्कूलों में 2500 के करीब एसएमसी टीचर हैं। पिछले करीब 15 से 20 सालों से ये विभाग में कार्यरत हैं। 5 प्रतिशत एलडीआर कोटा तय होने के बाद भी इन शिक्षकों को कर्मचारी चयन आयोग और लोक सेवा आयोग के माध्यम से परीक्षा देनी पड़ेगी। परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद इनकी नए सिरे से नियुक्तियां होगी।
पूर्व में भाजपा सरकार के समय हार्ड व जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए एसएमसी आधार पर शिक्षकों को रखने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस ने भी इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया। इसके लिए बने नियमों में बदलाव किया गया और जिन स्कूलों में 1 साल व इससे ज्यादा समय से पद खाली पड़े थे, वहां पर भी एसएमसी के तहत ही शिक्षकों की नियुक्तियां की। शिक्षक पिछले काफी समय से नियमितिकरण की मांग कर रहे थे।
हां, लेकिन उन्हें 5% सीमित सीधी भर्ती कोटे के तहत परीक्षा पास करनी होगी।
हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग या लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास करनी होगी।
जेबीटी, टीजीटी, सीएंडवी, पीईटी, प्रवक्ता और डीपीई (शारीरिक शिक्षक) के पदों पर यह कोटा लागू होगा।
लगभग 2500 शिक्षक इस फैसले से लाभान्वित होंगे।
एसएमसी शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया 2000 के दशक में धूमल सरकार के कार्यकाल में शुरू हुई थी।