Best sleeping position: ब्रिस्बेन। जब आप सुबह नींद से जागते हैं और शीशे में अपना चेहरा देखते हैं तो पता चलता है कि रातों रात चेहरे पर कुछ झुर्रियां उभर आयी हैं। नींद में पड़ने वाली ये झुर्रियां अस्थायी होती हैं। लेकिन जैसे ही आपकी उम्र के साथ त्वचा का लचीलापन खत्म होता है, ये झुर्रियां सही हो सकती हैं। झुर्रियां बनने से रोकने की संभावना कम से कम करने के लिए आप क्या-क्या कर सकते हैं। करवट लेकर सोने से आपके चेहरे पर क्या असर होता है:
आपकी त्वचा पर कई कारणों से झुर्रियां पड़ती हैं, जिनमें उम्र बढ़ना, धूप से होने वाला नुकसान, धूम्रपान, पानी कम पीना, आदतन चेहरे के भाव (जैसे मुस्कुराना, थपथपाना, भौंहें चढ़ाना) और सोने की स्थिति शामिल हैं। जब आप करवट लेकर या पेट के बल सोते हैं तो आपके चेहरे की त्वचा में कसावट आ जाती है और पीठ के सहारे सोने पर यह और अधिक कस जाती है। जब आप करवट लेकर या पेट के सहारे सोते हैं तो तकिए के विरुद्ध आपके चेहरे पर गुरुत्वाकर्षण का दबाव होता है। तो जब आप नींद में हिलते हैं तो आपके चेहरे की त्वचा पर प्रभाव पड़ता है, यह दबती है और सभी दिशाओं में खिंचती है।
आप पीठ के सहारे या बार-बार सोने की मुद्रा बदलकर चेहरे पर इन बाहरी कारकों के प्रभाव को कम कर सकते हैं। डॉक्टर आपके चेहरे को देखकर बता सकते हैं कि आपको किस करवट सोना चाहिए। कम उम्र में नींद से पड़ने वाली झुर्रियां अस्थायी होती हैं और नींद खुलने के बाद नहीं दिखाई देतीं। सोने की प्रत्येक मुद्रा में बिताया गया समय, चेहरे के प्रत्येक हिस्से पर लागू बाहरी बलों का परिमाण, साथ ही तकिए की सतह के कितने हिस्से में चेहरा आता है…..ये सब नींद की झुर्रियों के बनने के पैटर्न और दर को प्रभावित करते हैं। त्वचा विशेषज्ञ अक्सर इसे पहचान लेते हैं। जो लोग अपने शरीर के एक तरफ सोना पसंद करते हैं उनके सोने वाली तरफ का चेहरा चपटा होता है और नींद की रेखाएं अधिक दिखाई देती हैं।
क्या रात में त्वचा पर कोई क्रीम आदि लगाने से झुर्रियों को रोका जा सकता है?
क्या तकिये के रेशमी खोल से कुछ लाभ हो सकता है?: