Cinnamon Real vs Fake: भारतीय खानों का स्वाद किचन के दालचीनी में छिपा है। दालचीनी खाने के स्वाद के साथ साथ सेहत के लिए फायदेमंद होता है। वैसे कहते हैं कि दालचीनी कई हेल्थ प्रॉब्लम्स के खतरे को कम करती है। क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं। अब सवाल है कि असली या नकली दालचीनी की कैसे पहचान करें।
मार्केट में दालचीनी के नाम पर कई पेड़ों की छाल बिक रही है। इसमें कैसिया और अमरूद के पेड़ों की छालों का इस्तेमाल होना सबसे कॉमन है। चलिए आपको बताते हैं इसकी पहचान के कुछ तरीके ये हैं।
आप महक के जरिए भी असली या नकली दालचीनी की पहचान कर सकते हैं। नकली दालचीनी में किसी तरह की महक नहीं आती है जबकि असली दालचीनी से सौंधी खुशबू आती है। इसलिए खरीदते समये इसे जरूर सूंघें।
माना जाता है कि नकली दालचीनी का स्वाद पूरी तरह से फीका होता है जबकि असली दालचीनी के स्वाद में हल्की मिठास महसूस होती है। आप इसे खरीदते हुए थोड़ा टेस्ट करके भी चेक कर सकते हैं।
असली दालचीनी की परत पर चिकनाई महसूस होती है जबकि नकली दालचीनी में खुरदरापन होता है। नकली दालचीनी खुरदरी होने के साथ-साथ अंदर से खोखली भी होती है।
असली दालचीनी का रंग हल्का भूरा होता है और आप जब इसे हाथ में लेते हैं तो कलर उंगलियों पर छूटता नहीं है। जबकि कभी-कभी नकली दालचीनी पर रंग की परत चढ़ाई जाती है। इससे असली-नकली का फर्क पता चल सकता है।
Cinnamon Real vs Fake: असली दालचीनी के लिए माना जाता है कि ये पतली और नाजुक होती है। ये आसानी से टूट जाती है जबकि नकली दालचीनी थोड़ी हार्ड होती है। इसलिए खरीदते हुए इसे तोड़कर भी आप देख सकते हैं।