फरीदाबाद: Female constable accuses SP of sexual harassment हरियाणा के एक आईपीएस अधिकारी पर महिला कॉस्टेबल के यौन शोषण के आरोप लगे हैं। अब यह आईपीएस खुद को बेगुनाह बता रहे हैं। इतना ही नही एसपी का अपनी बेगुनाही के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है।
इसी बीच सोशल मीडिया में उनका एक वीडियो वायरल रहा है। जिसमें वे अपना तर्क दे रहे हैं। इसके एक सोशल मीडिया यूजर ने शेयर किया है। जिसमें लिखा हैं —
“कोई भी आदमी इससे अछूता नहीं है।
उम्मीद है कि जींद एसपी सुमित कुमार अब समझेंगे कि झूठे आरोप का सामना करने वाले आदमी के लिए अपनी बेगुनाही साबित करना कितना मुश्किल हो सकता है।
@JindPolice
की महिला कांस्टेबल होने का दावा करने वाले किसी व्यक्ति ने एसपी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए 4 पेज का गुमनाम पत्र पोस्ट किया। उसके खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं और वह दावा कर रहा है कि जींद पुलिस में उस नाम की कोई महिला कांस्टेबल काम नहीं करती है। एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी होने के बाद भी उसे अपनी बेगुनाही साबित करना इतना मुश्किल लग रहा है, तो कल्पना कीजिए कि एक आम आदमी को क्या झेलना पड़ता होगा जब उस पर कोई झूठा आरोप लगाया जाता है।”
No MAN is immune.
Hope Jind SP Sumit Kumar will understand now that how tough and difficult it can be for a Man to prove his innocence when he faces a False accusation.
Someone claiming to be a Women Constable of the @JindPolice posted an anonymous 4 page letter alleging sexual… https://t.co/AsBAY6Kr2o pic.twitter.com/qyNGu3MnZd— NCMIndia Council For Men Affairs (@NCMIndiaa) October 30, 2024
Female constable accuses SP of sexual harassment: आपको बता दें कि मुख्यमंत्री के आदेश पर महिला आईपीएस अधिकारी जांच कर रही हैं। वहीं हरियाणा महिला आयोग ने भी मामले पर संज्ञान लिया है। आयोग की अध्यक्ष रेनू भाटिया ने रविवार को हरियाणा के डीजीपी से मामले की निष्पक्ष जांच करने के लिए कहा है। साथ ही उन्होंने फतेहाबाद की एसपी आस्था मोदी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पूरे मामले पर चर्चा भी की।
दरअसल, दो दिन पहले इंटरनेट पर चार पन्ने का एक शिकायत पत्र वायरल हुआ था। इसमें सात महिला पुलिस कर्मियों के हस्ताक्षर थे, पत्र मुख्यमंत्री के नाम 18 अक्टूबर को लिखा गया है। पत्र में महिला पुलिस कर्मियों ने एक आईपीएस अधिकारी पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे। शिकायत में कहा गया था कि एसपी सुमित कुमार एक एसएचओ और एक महिला डीएसपी के अलावा तमाम लोगों के साथ मिलकर एक रैकेट चलाते हैं।
ये रैकेट महिलाओं की मदद से पुरुषों को हनीट्रैप में फंसाकर वसूली करते हैं। महिला पुलिस अधिकारियों ने कथित तौर पर पूर्व में जब इसकी सूचना एक डिप्टी एसपी को दी तो उन्होंने कहा कि साहब के साथ कोऑपरेट करिए।
मुख्यमंत्री को लिखे गए इस पत्र में कथित तौर पर सात महिला पुलिसकर्मियों ने आईपीएस अफसर की शिकायत की है। महिला कर्मियों का आरोप है कि अधिकारी ने न सिर्फ उनके साथ अमर्यादित व्यवहार किया, बल्कि प्रमोशन के लिए अनैतिक समझौते करने का दबाव भी डाला।
आरोपों के मुताबिक, अधिकारी महिला पुलिसकर्मियों पर अनुचित दबाव डालता है और विरोध करने पर उनकी वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) खराब करने की धमकी देता है। महिला पुलिसकर्मियों का कहना है कि जब उन्होंने महिला डीएसपी और एसएचओ से इस बारे में शिकायत की, तो उन्हें मदद की जगह नसीहत मिली कि अधिकारियों के साथ सहयोग करो, तभी प्रमोशन मिलेगा। महिला पुलिसकर्मियों ने मुख्यमंत्री को लिखी चिट्ठी में साफ कर दिया है कि यदि उनके आरोपों पर कार्रवाई नहीं होती, तो वे आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाएंगी।
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