Coach suspended for filing sexual harassment case against minister: दिसंबर 2022 में हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगे थे। यह सनसनीखेज आरोप किसी और ने नहीं, बल्कि खेल विभाग में ही काम करने वाली जूनियर महिला कोच ने लगाए थे। अब इस मामले में नया अपडेट सामने आया है। विभाग ने महिला कोच को सस्पेंड करने के आदेश जारी किए है। मंत्री संदीप सिंह के खिलाफ सेक्सुअल हैरेसमेंट का केस करने वाली जूनियर महिला कोच को सस्पेंड कर दिया गया है। खेल विभाग के निदेशक यशेंद्र सिंह ने निलंबन का आदेश जारी किया है। महिला कोच का दावा है कि अधिकारी उन पर लगातार इस बात के लिए दबाव बना रहे थे कि वह मामले में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का नाम ना घसीटे।
Coach suspended for filing sexual harassment case against minister: अपना पक्ष रखते हुए महिला कोच ने कहा है कि खेल विभाग निलंबन का आदेश 11 अगस्त 2023 को जारी कर चुका है, लेकिन विभाग के कर्मचारियों ने कोच के पास यह आदेश सोमवार देर रात पहुंचाया है। कोच ने यह भी कहा है कि उन्हें बिना कोई वॉर्निंग दिए सस्पेंड किया गया है। अधिकारियों ने निलंबन के आदेश में कोई संतोषजनक कारण भी नहीं दिया है। जूनियर महिला कोच ने बताया है कि खेल विभाग के अधिकारियों ने पिछले 4 महीने से स्टेडियम में उनकी कोचिंग पर प्रतिबंध लगाया हुआ है, जिसके कारण उनका स्पोर्ट्स करियर पूरी तरह से बर्बाद हो गया है।
Coach suspended for filing sexual harassment case against minister: बता दें कि पिछले साल 26 दिसंबर को जूनियर महिला कोच ने तत्कालीन खेल मंत्री सरदार संदीप सिंह पर छेड़खानी का आरोप लगाया था। तीन दिन बाद ही उन्होंने चंडीगढ़ पुलिस से इस मामले की शिकायत की थी। वहीं, 31 दिसंबर को पुलिस ने मंत्री के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था। एफआईआर दर्ज होने के बाद खेल मंत्री संदीप सिंह से खेल विभाग ले लिया गया था। केस दर्ज होने के सात महीने बाद भी चंडीगढ़ पुलिस इस मामले में चार्जशीट दायर नहीं कर पाई है।
Coach suspended for filing sexual harassment case against minister: हरियाणा सरकार में मंत्री संदीप सिंह अब तक खुद पर लगे यौन शोषण के आरोपों को ‘झूठा और निराधार’ बताते आए हैं। हालांकि, जब इस मामले में चंडीगढ़ पुलिस ने संदीप का पॉलीग्राफी टेस्ट कराने की इजाजत मांगी थी तो उन्होंने अपनी सहमति देने से इनकार कर दिया था। जब संदीप के वकील से पूछा गया था कि उन्होंने टेस्ट से इनकार क्यों किया? तो इसके जवाब में उन्होंने कहा था कि पॉलीग्राफी टेस्ट का कोई साक्ष्य मूल्य नहीं है, यह केवल तनाव को मापता है। जवाब की सत्यता को नहीं। इसके अलावा यह केवल जांच में देरी करने और संदीप सिंह को परेशान करने के लिए है।’
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