MP Kumari Selja did not get ticket for Haryana assembly elections: चंडीगढ़: छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस की प्रभारी रही, दिग्गज महिला नेत्री और सांसद कुमारी सैलजा का हरियाणा के सीएम बनने का सपना पूरा नहीं हो सकेगा। कांग्रेस ने उन्हें हरियाणा विधानसभा चुनाव का टिकट नहीं दिया हैं। हालांकि उनकी पसंद की आठ सीटों को अभी होल्ड पर रखा है। यहां प्रत्याशियों के नाम का ऐलान नहीं किया गया हैं। कांग्रेस ने कल यानि बुधवार देर रात ही 40 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी। इसके साथ ही 89 सीटो पर कांग्रेस जबकि एक सीट माकपा को दी गई हैं।
इससे पहले प्रदेश प्रभारी दीपका बाबरिया ने भी इशारा आकर दिया था की केंद्र की राजनीति में सक्रिय नेताओं को राज्य में मौका नहीं मिलेगा। उन्होंने इस पर आखिरी निर्णय लेने का अधिकार आलाकमान पर छोड़ दिया था। यही वजह हैं कि कुमारी सैलजा की तरह ही रणदीप सिंह सुरजेवाला भी टिकट से महरूम रहे। पार्टी ने उनके बेटे आदित्य सुरजेवाला को पार्टी ने टिकट दिया है। आदमपुर से चुनाव लड़ते रहे कुलदीप बिश्नोई के भाजपा में जाने के कारण पार्टी ने वहां रिटायर्ड आइएएस चंद्रप्रकाश को चुनाव मैदान में उतारा है।
MP Kumari Selja did not get ticket for Haryana assembly elections : बता दें कि कांग्रेस ने इस बार टिकट वितरण को लेकर काफी सावधानी बरती हैं। पिछली बार चुनाव लड़ने वाले 25 नेताओं को इस बार मौका नहीं दिया गया है। इसी तरह मुलाना के विधायक वरुण चौधरी के अंबाला से सांसद बनने के कारण उनकी पत्नी पूजा चौधरी को टिकट मिला है। ईसिस तरह कांग्रेस ने आदमपुर से चुनाव लड़ते रहे कुलदीप बिश्नोई के भाजपा में शामिल होने के कारण वहां से रिटायर्ड आइएएस चंद्रप्रकाश को चुनाव मैदान में उतारा है।
पिछला चुनाव लड़ने वाले 13 उम्मीदवारों पर कांग्रेस ने फिर से भरोसा जताते हुए उन्हें इस बार के चुनावी रण में उतारा है। पंचकूला से पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन को पार्टी ने उम्मीदवार बनाकर भाजपा के सामने कड़ी चुनौती पेश की है। हिसार में रामनिवास राड़ा को टिकट दिया है।
Read Also: UP Road Accident: तेज रफ्तार का कहर, आपस में भिड़े कार और ट्रक, हादसे में 4 लोगों की दर्दनाक मौत
MP Kumari Selja did not get ticket for Haryana assembly elections : टिकट नहीं मिलने के बाद कुमारी सैलजा ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि, ‘उनकी विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा थी और यह बात उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले ही कहनी शुरू की थी। उन्होंने कहा कि इच्छा व्यक्त करना कोई गलत बात नहीं है, फैसला तो हाईकमान को करना है।
उन्होंने कहा कि हर कोई अपने कार्यकर्ताओं की पैरवी करता है और दावेदार अनेक होते हैं, लेकिन हाईकमान एक के नाम का चयन करता है। उन्होंने कहा कि लेकिन हाईकमान जिसे चुनता है, वह पार्टी का उम्मीदवार होता है, जिसे जिताने के लिये हर कार्यकर्ता कार्य करता है। यह पूछने पर कि हाईकमान क्या होता है, उन्होंने कहा, “ हाईकमान हाईकमान होता है, जैसे सोनिया गांधी, राहुल गांधी, अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे।”