चंडीगढ़: बालात्कार के मामले में जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम के पैरोल को मंजूर कर लिया गया है। वह जल्द ही जेल से बाहर आ सकते है। फिलहाल वह यह 11वां मौका होगा जब राम रहीम पैरोल पर बाहर आएगा। इस वक्त रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। (Gurmeet ram rahim parole granted) हालांकि इस बार की रिहाई में कोर्ट ने कड़ी शर्ते भी रखी है। राम रहीम पैरोल के दौरान हरियाणा से बाहर रहेगा। वह हरियाणा नहीं जा सकेगा, बागपत डेरे में रहेगा। वह किसी भी प्रकार की राजनीतिक गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकेगा। न ही सोशल मीडिया के माध्यम से कोई राजनीतिक संदेश दे सकेगा। अगर किसी भी शर्त का उल्लंघन हुआ तो पैरोल रद्द हो जाएगी।
हरियाणा चुनाव पर असर
गौरतलब है कि इससे पूर्व भी चुनाव से पहले गुरमीत राम रहीम को पैरोल मिलती रही है। पिछले महीने 13 अगस्त को 21 दिन की पैरोल पर जेल से बाहर आया था। बता दें कि हरियाणा के सिरसा, हिसार, फतेहाबाद और कुछ दूसरे जिलों में राम रहीम के समर्थकों की संख्या अच्छी खासी है। यह पूरा क्षेत्र राम रहीम का प्रभाव वाला है।
चुनाव में पड़ सकता है असर
हरियाणा में गुरमीत राम रहीम के लाखों समर्थक हैं। ऐसे में अगर हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले राम रहीम की जेल से रिहाई होती है, (Gurmeet ram rahim parole granted) तो इसका चुनाव पर प्रभाव पड़ना भी संभव है। बता दें कि राज्य में 5 अक्टूबर को एक ही चरण के तहत चुनाव होना है। वहीं 8 अक्टूबर को मतों की गणना की जाएगी।
चुनाव आयोग की नजर
हरियाणा चुनाव आयोग के प्रवक्ता एचसीएस अधिकारी मनीष लोहान ने बताया कि सरकार की तरफ से राम रहीम को आपातकालीन वजह बताकर पैरोल देने के संबंध में परामर्श के लिए आयोग को पत्र आया था। पत्र में लिखा था कि राम रहीम जेल से बाहर आने के बाद हरियाणा में नहीं आएगा। इसके अलावा वह चुनाव को किसी भी तरह प्रभावित नहीं करेगा और न कोई जनसभा या सोशल मीडिया पर अपील करेगा। इसके बाद चुनाव आयोग ने सरकार से पूछा था कि राम रहीम को पैरोल देने के लिए उक्त सभी शर्तों की जांच कर लें। इसकी पुष्टि कर लें कि इन शर्तों की पालना पूरी तरह से होगी। इसके बाद सरकार अपने स्तर पर राम रहीम के पैरोल देने या न देने पर फैसला ले सकती है।