Shri Ganesh: नई दिल्ली। भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि भगवान श्री गणेश को समर्पित है। इस साल गणेश चतुर्थी 31 अगस्त को मनाई जाएगी। भगवान श्री गणेश को कई तरह की चीजें चढ़ाई जाती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान श्री गणेश को कभी भी तुलसी का भोग नहीं लगाया जाता है। हिंदू धर्म में कोई भी शुभ कार्य करने से पहले गणेशजी की पूजा की जाती है। ऐसा करने से व्यक्ति के कार्य सफल होते हैं। इस गणेश चतुर्थी अगर आप भी अपने घर में गणेशजी को स्थापित करते हैं तो आपको कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिए।
गणेश जी को अर्पित न करें तुलसी
भगवान गणेश की पूजा में तुलसी का इस्तेमाल करना वर्जित है। गणेश पूजा में तुलसी का इस्तेमाल करने से शुभ फल नहीं मिलता है। दरअसल, तुलसी ने भगवान गणेश को शादी का प्रस्ताव दिया था। जिसे गणेशजी से स्वीकार नहीं किया और तुलसी ने उन्हें शाप दे दिया। इससे क्रोधित होकर भगवान गणेश ने भी उन्हें राक्षस से शादी करने का शाप सुना दिया।
भगवान गणेश की नई मूर्ती को ही करें स्थापित
Shri Ganesh: अगर आप इस साल अपने घर गणेशजी की स्थापना करना चाहते हैं तो नई मूर्ती ही खरीद कर लाएं। अगर आपके पास कोई पुरानी मूर्ति रखी है तो उसे विसर्जित कर दें। साथ ही इस बात का भी ख्याल रखें की घर में गणेशजी की दो मूर्तियां नहीं रखनी चाहिए।
अंधेरे में न करें मूर्ति के दर्शन
अगर भगवान गणेश की मूर्ति के पास अंधेरा है तो ऐसे में उनके दर्शन न करें। दर्शन करने से पहले वहां अच्छे से लाइट की व्यवस्था हो इस बात को सुनिश्चित कर लें। अंधेरे में भगवान की मूर्ति के दर्शन करना शुभ नहीं माना जाता है।
लहसुन प्याज का न करें इस्तेमाल
Shri Ganesh: लहसुन और प्याज ये दोनों ऐसी चीज है जिसका इस्तेमाल खाने में लगभग हर घर में होता है। अगर आपके घर में गणेशजी की स्थापना की है तो आपको इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि गणेशजी का भोग बनाते हुए लहसुन और प्याज का उपयोग करने से बचना चाहिए।
पूजा में न पहले काले और नीले रंग के वस्त्र
मान्यताओं के अनुसार, किसी भी देवी देवता की पूजा में काले और नीले रंग के वस्त्र नहीं धारण करने चाहिए। शनिदेव की पूजा में काले रंग के वस्त्र का इस्तेमाल आप कर सकते हैं। इसलिए ध्यान रखें की गणेशजी की पूजा में भी आप काले और नीले रंग के वस्त्र न पहने।
इतने बजे से शुरू होगा शुभ मुहूर्त
Shri Ganesh: इस साल गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त 31 अगस्त से शुरू हो रहा है। हालांकि, 30 अगस्त दोपहर 03.33 मिनट से चतुर्थी तिथि लग जाएगी, जिसका समापन 31 अगस्त दोपहर समय 03.22 मिनट पर होगा। 31 अगस्त को पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11.05 मिनट से लेकर दोपहर 01.38 मिनट तक होगा।