Ganesh Vastu Tips Hindi : नई दिल्ली। वास्तु में गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति को सबसे शुभ माना जाता है और ये दोनों शुभ-लाभ का प्रतीक कही जाती हैं। इस वजह से इन मूर्तियों का सही दिशा में होना बहुत ही जरूरी होता है।
दरअसल शास्त्रों के अनुसार मंदिर में देवी लक्ष्मी की मूर्ति अगर सही दिशा में हो तो विशेष लाभ और धन की प्राप्ति होती है। अब हम आपको बताते हैं गणेश-लक्ष्मीजी की मूर्ति को किस दिशा में रखना सबसे उत्तम माना जाता है।
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गणेश और लक्ष्मी की मूर्ति रखें एक साथ
Ganesh Vastu: हिंदू धर्म की मान्यताओं में गणेशजी को ज्ञान का देवता माना गया है और मां लक्ष्मी को धन और ऐश्वर्य की देवी माना जाता है। दोनों पूजाघर में एक साथ रखा जाता है और विशेष शुभ मुहूर्त जैसे दीपावली और अक्षय तृतीया पर इनकी पूजा की जाती है।
ऐसी मान्यता है कि यदि व्यक्ति के पास ज्ञान नहीं होगा तो वह धन का प्रयोग गलत कार्यों में कर सकता है इसलिए गणेशजी और माता लक्ष्मी को पूजा के स्थान में साथ में रखा जाता है।
मंदिर में इस दिशा में रखें गणेश-लक्ष्मी
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गणेशजी और मां लक्ष्मी की मूर्ति को मंदिर में उत्तर दिशा में रखना चाहिए। जी हाँ और इस मान्यता के पीछे भी एक पौराणिक कथा है। इस कथा के अनुसार एक बार शिवजी ने गुस्से में आकर गणेशजी का सिर धड़ से अलग कर दिया था।
उसके बाद जब उन्हें पता कि यह उनके ही पुत्र हैं तो उन्होंने अपने दूतों को उत्तर दिशा में भेजकर कहा कि इस दिशा में जो सबसे पहले मिल जाए उसका ही धड़ लेकर आ जाओ। उत्तर दिशा में सबसे पहले धड़े मिलने की वजह से गणेशजी को रखने के लिए उत्तर दिशा सबसे शुभ मानी जाती है।
भूलकर भी न करें ऐसा
कई बार लोग अज्ञानतावश मां लक्ष्मीजी की मूर्ति को गणेशजी के बाईं ओर रख देते हैं। हालाँकि ऐसा करने से घर की आर्थिक दशा पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
पुरुषों के बाईं ओर उनकी पत्नी को बैठाया जाता है और लक्ष्मीजी गणेशजी की पत्नी नहीं हैं इस वजह से उनको गणेशजी के बाईं ओर बैठाने से आपके धन की स्थिति बिगड़ने लगती है और घर में कंगाली होने लगती है। ध्यान रहे मां लक्ष्मी की प्रतिमा को गणेश जी के दाईं ओर ही रखें।