Ganesh Chaturthi 2022: हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है। यूं तो गणपति को ज्ञान और बुद्धि और समृद्धि का प्रतीक माना गया है, लेकिन बुजुर्गों को आपनेये कहते सुना होगा कि भाद्रपद मास की गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा देखना अशुभ होता है, तो बता दें कि इसके पीछे धार्मिक मान्यता और पौराणिक कथाएं है जिसके चलते गणेश चतुर्थी को चांद नहीं देखा जाता है। आइए बताते हैं कि क्या हैं वो कारण…
गणेश चतुर्थी पर चांद न देखने की धार्मिक मान्यता
Ganesh Chaturthi 2022: धार्मिक मान्यता के मुताबिक, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का चांद देखने से झूठा आरोप लगता है। यही वजह है कि गणेश चतुर्थी को कलंक चतुर्थी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा का आकार घटता-बढ़ता है, इसलिए कहा जाता है कि चतुर्थी के दिन चांद को देखना अशुभ होता है।
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Ganesh Chaturthi 2022: पौराणिक कथा के मुताबिक, एक बार गणेश जी मूषक पर सवार होकर भ्रमण कर रहे थे। तभी सांप के देखकर मूषक उछल पड़े जिससे वे जमीन पर गिर गए। इस घटना को देखकर चंद्रदेव हंसने लगे। उसी वक्त गणपित ने क्रोधित होकर चंद्रमा को क्षय होने का श्राप दे दिया था।
वहीं एक अन्य कथा के मुताबिक, भगवान गणेश एक बार लड्डू लेकर चंद्रलोक से आ रहे थे। इसी वक्त चंद्रमा की नजर भगवान गणेश पर पड़ी। चंद्रदेव भगवान गणेश को देखकर जोर-जोर से हंसने लगे। जिससे गणेश जी को अत्यधिक क्रोध आया। उन्होंने चंद्र देव को कहा कि तुम्हें अपने रूप पर बहुत घमंड है, जाओ तुम्हारा क्षय हो जाएगा।
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चांद दिख जाए पर करें ये
Ganesh Chaturthi 2022: धार्मिक मान्यता के मुताबिक, गणेश चतुर्थी पर चांद दिख जाए तो श्राप से मुक्ति पाने के लिए इस मंत्र को बोलना चाहिए।
सिंहः प्रसेनमवधित्सिम्हो जाम्बवत हतः
सुकुमारक मा रोदीः तव ह्योष स्यमन्तकः