उनकी प्रतिमाएं हरदा खिरकिया, टिमरनी, रहटगांव, सिराली के अलावा खातेगांव, इंदौर, भोपाल, खंडवा, देवास, सीहोर, बैतूल, रायसेन, बुरहानपुर, नरसिंगपुर सहित अन्य जिलों तक जाती हैं। उन्होंने बताया कि वे हर साल गुजरात से मिट्टी बुलवाकर उससे ही प्रतिमाएं बनाते हैं, जो आकर्षक होती हैं।
शहर के खेड़ीपुरा में कई वर्षों से मूर्तिकार रामकृष्ण बघेल गणेशजी, मां दुर्गा की प्रतिमाएं बना रहे हैं। वर्तमान में मूर्तियां तैयार की जा रही हैं, जो एक-दो दिन मे कम्प्लीट हो जाएंगी।
साथ ही मूर्ति कलाकार भी प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में जुट हुए हैं। शहर में करीब 50 से भी अधिक स्थानों पर विराजित होंगे गणेश जी।
गुजरात से लाते है मिट्टी और सात से आठ महीने पहले बनाना शुरू करते है मूर्तियां। हरदा कि मूर्तियां मध्यप्रदेश के अलग अलग जिलों में भी जाती है।
हरदा जिले में पर्यावरण को दूषित होने से बचाने के लिए विगत 45 वर्षों से रामकृष्ण बघेल मिट्टी के गणेश जी बना रहे हैं।
19 सितंबर से गणेश उत्सव शुरू हो रहे है। इसको लेकर शहर के मोहल्लों में गणेशजी की प्रतिमाएं विराजमान करने के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं।
Eco-friendly Ganeshji idols being made