Prashant Kishor joins BJP? : सोशल मीडिया पर कई तरह की खबरें वायरल होती है जो कुछ तो सही लेकिन कुछ फर्जी होती है। हालांकि फर्जी खबरों पर यकीन नहीं करना चाहिए। इस समय देश में चुनावी माहौल बना हुआ है। नई सरकार किसकी बनेगी इस बात पर कई राजनीतिक विशेषज्ञ अपनी राय देते हुए नजर आते है। आज के समय में राजनीति की बात हो और नावी रणनीतिकार और जनसुराज संगठन के प्रमुख प्रशांत किशोर का जिक्र न भी हो ऐसा तो हो ही नहीं सकता। प्रशांत किशोर से संबंधित एक खबर वायरल हो रही है जिसमें ये कहा गया है कि प्रशांत किशोर को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त किया गया है। बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि वायरल लेटर फेक है। बूम से बातचीत में प्रशांत किशोर के ऑफिस ने इस पत्र को फर्जी बताया।
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Prashant Kishor joins BJP? : वारयल हो रहे इस लेटर में बीजेपी के लोगो के साथ अरुण सिंह के हस्ताक्षर भी है। साथ ही लिखा है कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने प्रशांत किशोर को पार्टी का राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता नियुक्त किया है। यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू की गई है। फेसबुक पर एक यूजर ने लेटर शेयर करते हुए लिखा, ‘जनसुराज आंदोलन के पाखंडी प्रशांत किशोर को बधाई दीजिए… चला था बिहार बदलने, खुद ही बदल गया… जहां से शुरू किया था, वहीं पहुंच गया…’
फैक्ट चेक में सामने आया सच
जांच संस्था बूमलाइव.इनने जब इस खबर का पोस्टमार्टम किया तो वायरल पत्र का सच सामने आ ही गया। दरअसल, प्रशांत किशोर न तो बीजेपी में शामिल हुए है और न ही उन्हें बीजेपी का राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया गया है। इस पूरी पड़ताल में बूम संस्था ने प्रशांत किशोर से जुड़े सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की भी जांच की लेकिन वहां भी कोई ऐसा लेटर हाथ नहीं लगा। लेकिन प्रशांत किशोर के जनसुराज संगठन के एक्स हैंडल पर एक पोस्ट मिला। इस पोस्ट में वायरल लेटर का खंडन करने के साथ ही कांग्रेस के संचार प्रभारी जयराम रमेश पर इसे शेयर करने का आरोप लगाया गया।
जनसुराज ने कांग्रेस, राहुल गांधी और जयराम रमेश के साथ दिल्ली पुलिस को टैग करते हुए लिखा, ‘विडंबना देखिए, कांग्रेस, राहुल गांधी, आप सभी फर्जी खबरों के बारे में बात करते हैं और इससे पीड़ित होने का दावा करते हैं। अब आप खुद देखिए कि कैसे कांग्रेस के संचार प्रभारी जयराम रमेश, एक वरिष्ठ नेता व्यक्तिगत रूप से एक फर्जी दस्तावेज शेयर कर रहे हैं।’ इसी के साथ पोस्ट में एक वॉट्सऐप मेसेज का स्क्रीनशॉट शामिल है जिसे देखकर प्रतीत होता है कि जयराम रमेश की ओर से वह लेटर भेजा गया है।
वायरल पत्र झूठा है या सही!
जब जांच संस्था बूमलाइव.इन ने आगे की पड़ताल करते हुए प्रशांत किशोर के ऑफिस की ओर रूख किया। जहां ऑफिस में हर्षवर्धन सिंह ने इस वायरल लेटर का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि प्रशांत किशोर का भारतीय जनता पार्टी से कोई संबंध नहीं है। उनका पूरा फोकस जन सुराज के मिशन को मजबूत करना है।” हर्षवर्धन ने आगे बताया, “जनसुराज ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के माध्यम से प्रशांत किशोर के बीजेपी जॉइन करने की खबर का खंडन किया है। इस तरह की गलत जानकारी कांग्रेस के जयराम रमेश की ओर से फैलाई जा रही है।
वायरल लेटर में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह के हस्ताक्षर शामिल हैं। इस बारे में हमने अरुण सिंह के ऑफिस में संपर्क किया, जहां वायरल लेटर के फर्जी होने की पुष्टि की गई।
निष्कर्ष: यह स्पष्ट है कि वायरल हो रहा ये लेटर पूरी तरह से फर्जी है। प्रशांत किशोर ने न तो बीजेपी ज्वाइन की है और न ही उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त किया गया है।
(डिस्क्लेमर: यह पूरा फैक्ट चेक बूमलाइव.इन के द्वारा किया गया हैं। किसी भी तरह के कंटेंट व पड़ताल में IBC24 शामिल नहीं हैं।)
- Claim Review: Boomlive.in
- Claimed By: Social Media
- Fact Check:
झूठ
झूठ
Fact Check By
Shyam Dwivedi
Fact Recheck By
Deepak Dilliwar