World Autism Awareness Day: बच्चों की एक्टिविटि और उनकी हरकतों पर बचपन से ही ध्यान देना चाहिए। बच्चों में कई प्रकार की बिमारियां होती है लेकिन इन्हे नजरअंदाज करने से समस्या बढ़ती ही जाती है। इसलिए पैरेंट्स को अपने बच्चों पर ध्यान देना चाहिए और थोड़ा भी कुछ अजीब लगने पर उस नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
World Autism Awareness Day: बता दें अगर आपका बच्चा दूसरे बच्चों की तुलना सामान्य काम करने में देरी लगाता है तो उसे ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर हो सकता है। भारत में करीब एक करोड़ बच्चे इस डिसऑर्डर की चपेट में है। आज विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस है। इस मौके पर हम आपकों इसके बारे में और उसके लक्षण के बारे में बताएंगे।
World Autism Awareness Day: ऑटिज्म एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है जो ज्यादातर बच्चों में शुरू के ही तीन साल में दिखने लगता है। ऑटिज्म से ग्रसित बच्चों में तीन तरह के विकास बहुत धीमी गति से होते हैं जिन्हें ट्रायड ऑफ इम्पेयरमेंट कहते हैं। ये वर्बल या नॉन वर्बल कम्युनिकेशन, सोशल इंटरेक्शन, इमेजिनेशन हैं।
– आंखें मिलाकर बात न कर पाना।
– बात समझने में मुश्किल।
– शब्दों की बहुत कम समझ होना।
– रचनात्मक भाषा की कमी।
– बिल्कुल बात न कर पाना।
– गुनगुन करके बात करना या बात करते हुए संगीत निकलना।
– हमेशा गुमसुम बैठे रहना।
– बड़बड़ाना।
– रोबोटिक स्पीच।
– दूसरों की बातों को बेमतलब दोहराना।
– बिना एक्सप्रैशन वाली टोन के बात करना।
World Autism Awareness Day: अब सबसे बड़ी बात है कि आखिर बच्चे ही इस बीमारी के शिकार क्यों होते है? इसका वास्तविक कारण क्या है? इस बारें में फिलहाल अभी कोई जानकारी नहीं है। यह जेनेटिक या फिर पर्यावरण के कारण भी हो सकता है। इस संबंध में शोधकर्ताओं जन्म से पहले पर्यावरण में मौजूद रसायनों और किसी संक्रमण के प्रभाव में आने के प्रभावों का भी अध्ययन कर रहे हैं।
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