नई दिल्लीः Finance Ministers of could not present budget मोदी सरकार 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अपना आखिरी पूर्ण बजट पेश करेगी। एक फरवरी को सुबह 11 बजे से केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण का भाषण शुरू होगा। ब्रिटिश शासन के दौरान भारत का पहला बजट पेश किया गया। पहली बार 7 अप्रैल 1860 में भारत में बजट पेश किया गया। वहीं आजादी के बाद की बात करें तो 1947 से लेकर अब तक 89 बार बजट पेश किया गया है। अब तक 26 वित्त मंत्री इसका जिम्मा उठा चुके हैं। लेकिन आजाद भारत में कई ऐसे वित्त मंत्री थे, जिन्हें बजट पेश करने का मौका नहीं मिला। तो चलिए जानते हैं इस सूची में किन-किन नेताओं का नाम शामिल है…
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Finance Ministers of could not present budget देश के पूर्व वित्त मंत्री क्षितिश चंद्र नियोगी इस पद पर तो रहे लेकिन देश का आम बजट पेश नहीं कर सके। दरअसल, वे महज 35 दिनों तक साल 1948 में देश के वित्त मंत्री रहे थे, उन्होंने आरके शणमुखम शेट्टी की जगह ये जिम्मेदारी संभाली थी, लेकिन पद संभालने के महज 35 दिन बाद ही अपना इस्तीफा सौंप दिया था। इस अवधि में उन्हें बजट पेश करने का मौका नहीं मिल सका।
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हेमवती नंदन बहुगुणा का नाम भी उन वित्त मंत्रियों में शामिल है जो वित्त मंत्री तो बने लेकिन यूनियन बजट पेश नहीं किया। इस बार भी छोटा कार्यकाल कारण रहा। बहुगुणा 1979 में तत्कालीन इंदिरा सरकार में साढ़े पांच महीने की अवधि के लिए वित्त मंत्री बने थे। इस अवधि में बजट नहीं पड़ा। वह बिना बजट पेश किए ही पद से हट गए थे। हेमवती नंदन बहुगुणा दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।
वित्त मंत्री बनने के बावजूद आम बजट न पेश कर पाने वालों की लिस्ट में नारायण दत्त तिवारी का भी नाम आता है। एनडी तिवारी अपने जमाने के दिग्गज नेता थे। तीन बार वह उत्तर प्रदेश के सीएम बने। वह उत्तराखंड के तीसरे मुख्यमंत्री थे। तिवारी आंध्रप्रदेश के राज्यपाल भी रहे। 1987-88 में नारायण दत्त तिवारी वित्त मंत्री बने थे। तब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे। उस समय नारायण दत्त तिवारी की जगह तत्कालीन प्रधानमंत्री ने बजट पेश किया था।