Dussehra puja vidhi 2023: पूरे देशभर में दशहरा या विजयादशमी का त्योहार अश्विन मास की दशमी तिथि को बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। कहते है आज के दिन भगवान राम ने रावण का अंत किया था। तब से लेकर अब तक आज के दिन को बुराई पर अच्छाई के दिन के रुप में माना जाता है। विजयदशमी के दिन शस्त्र पूजा भी की जाती है।
कहा जाता है कि राम और रावण के बीच युद्ध लंबा चला और समस्त देवी देवताओं ने अपने विशेष अस्त्र और शस्त्र भगवान राम को रावण के वध के लिए दिए थे। जब रावण का वध हो गया तब भगवान श्रीराम ने इन शस्त्रों का पूजन कर वापस उन देवताओं को लौटाया था। तभी से दशहरे पर शस्त्र पूजन की परंपरा चली आ रही है। माना जाता है कि विशेष अस्त्र और शस्त्रों से भगवान राम ने रावण का वध कर युद्ध में विजय प्राप्त की थी।
मान्यता है कि दशहरा से पहले आयुध पूजा में शस्त्र, यंत्र और उपकरणों का पूजन करने से हर कार्य में सफलता मिलता है। प्राचीन काल में क्षत्रिय युद्ध पर जाने के लिए दशहरा का दिन चुनते थे, ताकि विजय का वरदान मिले. इसके अलावा पौराणिक काल में ब्राह्मण भी दशहरा के ही दिन विद्या ग्रहण करने के लिए अपने घर से निकलते थे और व्यापारी वर्ग भी दशहरा के दिन ही अपने व्यापार की शुरुआत करना अच्छा मानते थे। यही वजह है कि दशहरे से पहले आयुध पूजा बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है।