पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। इस दिन सफेद चीजों का भोग लगाया जाता है और अगर यह गाय के घी में बनी हों तो व्यक्ति को रोगों से मुक्ति मिलती है और हर तरह की बीमारी दूर होती है।
नवरात्रि के दुसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है इस दिन मिश्री, चीनी और पंचामृत का भोग लगाया जाता है। इन्हीं चीजों का दान करने से लंबी आयु का सौभाग्य भी पाया जा सकता है।
मां चंद्रघंटा को दूध और उससे बनी चीजों का भोग लगाकर इसी इसी का दान भी करना चाहिए। ऐसा करने से मां खुश होती हैं और सभी दुखों का नाश करती है।
इस दिन मां कुष्मांडा को मालपुए का भोग लगाना चाहिए। इसके बाद प्रसाद को किसी ब्राह्मण को दान करना चाहिए और खुद भी खाना चाहिए। इससे बुद्धि का विकास होने के साथ ही निर्णय क्षमता भी अच्छी हो जाएगी।
पंचमी तिथि के दिन पूजा करके मां स्कंदमाता को केले का भोग लगाना चाहिए और यह प्रसाद ब्राह्मण को दे देना चाहिए। ऐसा करने से मनुष्य की बुध्दि का विकास होता है।
षष्ठी तिथि के दिन देवी मां कात्यायनी के पूजन में शहद का महत्व बताया गया है। इस दिन प्रसाद में शहद का प्रयोग करना चाहिए। इसके प्रभाव से साधक सुंदर रूप को प्राप्त करता है।
सप्तमी तिथि के दिन मां कालरात्रि की पूजा में गुड़ का नैवेद्य अर्पित करके ब्राह्मण को दे देना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति शोकमुक्त होता है।
अष्टमी के दिन मां महागौरी को नारियल का भोग लगाएं और नारियल को सिर से घुमाकर बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। मान्यता है कि ऐसा करने से आपकी मनोकामना पूरी होती है।
नवमी तिथि पर मां को विभिन्न प्रकार के अनाजों का भोग लगाएं जैसे- हलवा, चना-पूरी, खीर और पुए और फिर उसे गरीबों को दान करें। इससे जीवन में सुख-शांति मिलती है।
हिंदू पंचाग में नवरात्रि का बहुत ही खास महत्व होता है। इस साल यह शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर से प्रारंभ होकर 24 अक्टूबर को समाप्त होगी। ऐसे में नवरात्रि पर देवी पूजन और नौ दिन के व्रत का बहुत महत्व है। इन नौ दिनों में व्रत रखने वालों के लिए कुछ नियम होते हैं साथ ही इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों को उनका पसंदीदा भोग चढ़ाकर मां का आशीर्वाद भी पाया जा सकता है।
Navratri Rashifal 2023