Lalita Panchami Vrat 2023: आज शारदीय नवरात्रि का पांचवा दिन है। बता दें कि शारदीय नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंद माता की पूजा आराधना की जाती है। वहीं, आज ललिता पंचमी का व्रत भी रखा जाता है। देवी ललिता मां दुर्गा की दस महाविद्याओं में से एक मानी जाती हैं। मान्यताओं के अनुसार ये माता सती का ही एक स्वरूप हैं। ललिता पंचमी व्रत के दिन माता की विधि-विधान से पूजा करने माता का आशीर्वाद भी मिलने के साथ सारी मनोकामना पूरी होती है। ऐसे में आइए जानते हैं इस व्रत की पूजा विधि और महत्व
अश्विन शुक्ल पंचमी तिथि का प्रारंभ- 19 अक्तूबर को रात में 01 बजकर 12 मिनट से
अश्विन शुक्ल पंचमी तिथि समाप्त – 20 अक्तूबर को रात में 12 बजकर 31 मिनट पर
सुबह 06.24 – सुबह 07.49
सुबह 10:40 – दोपहर 12:06
शारदीय नवरात्रि के पांचवे दिन प्रातः उठकर स्नानादि करने के पश्चात माता रानी का पूजन आरंभ करें।
इस दिन मां ललिता के साथ स्कंदमाता व भगवान शिव की पूजा भी की जाती है।
माता के समक्ष धूप-दीप प्रज्वलित करें।
फिर मां ललिता व सभी देवों का तिलक करें और विधिवत सभी चीजों को अर्पित करते हुए पूजन करें।
इसके बाद मां को मिष्ठान आदि का भोग अर्पित करें और आरती करें।