Eating desi ghee in shardiya navratri: सनातन धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है। इस त्योहार का शुभारंभ हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है। साल में वैसे तो कुल चार नवरात्रि पड़ती है लेकिन शारदीय नवरात्रि बेहद ही खास है जो कि अश्विन मास में आती है। ज्यादातर लोग नवरात्रों का व्रत रखते हैं। व्रत रखने के साथ-साथ व्यक्ति को अपनी सेहत का ध्यान रखना काफी जरूरी होता है। नवरात्रि के व्रत में मुख्य भूमिका घी की होती है। नवरात्रि में घी खाना परंपरा को साथ स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है। आइए जानते हैं इसके फायदे..
नवरात्रि के व्रत में देसी घी कैलोरी का अच्छा सोर्स माना जाता है। इसका सेवन करने से शरीर को प्रोटीन भरपूर मात्रा में मिलता है। घी में खनिज और विटामिन मौजूद होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है। इन्हीं में से कुछ विटामिन-के, ए, डी और ई शामिल हैं। विटामिन-डी हड्डियों के लिए, विटामिन-ई स्किन के लिए और विटामिन-के खून को थक्के जमने के लिए आवश्यक है।
नवरात्रि के व्रत में देसी घी खाना की एक मुख्य वजह है कि इसका सेवन करने से उच्च ऊर्जा स्रोत के रूप में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। व्रत के समय व्यक्ति की एनर्जी डाउन हो जाती है। इसके कारण व्यक्ति थकान, आलस महसूस करता है। इसलिए व्रत में घी खाना काफी फायदेमंद होता है, क्योंकि इसमें स्वस्थ वसा में भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
व्रत के दिनों में कई लोगों को अधिक भूख लगती है। इस भूख से निपटने के लिए देसी घी खाना काफी फायदेमंद होता है। इसका सेवन करने से लंबे समय तक भूख से संतुष्टि मिलती है।
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नवरात्रि के व्रत में देसी घी का सेवन करना सेहत के लिए काफी लाभदायक होता है। व्रत के दौरान व्यक्ति का पाचन तंत्र भी प्रभावित होता है। देसी घी पाचन तंत्र को चिकनाई देने में सहायता करता है। इससे खाने को सिस्टम के अनुरूप खाया जाता है। साथ ही, घी कब्ज, गैस, अपच और एसिडिटी की समस्याओं को रोकने में मददगार है। ये समस्या ज्यादातर व्रत के दौरान व्यक्तियों में देखने को मिलती है।