Navratri Ashtami-Navami Upay: हिंदू धर्म में नवरात्र का समय बहुत ही पवित्र माना जाता है। इस साल 15 अक्टूबर रविवार के दिन से शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो चुकी है। नवरात्र का आठवां दिन देवी महागौरी की पूजा के लिए समर्पित है। माना जाता है कि मां महागौरी की पूजा मात्र से भक्तों के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और साधक को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। वहीं नवरात्रि के आखिरी दिन यानी कि नवमी का बड़ा महत्व है। इस दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। साथ ही 9 दिन के व्रत-पूजा का समापन हवन और कन्या पूजन के साथ किया जाता है। मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए नवमी का दिन बहुत अहम होता है।
नवरात्र के नौ दिन एक खास महत्व रखते हैं, लेकिन सबसे अधिक महत्व अष्टमी तिथि का है। इसे दुर्गा अष्टमी और महाष्टमी भी कहते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अष्टमी तिथि पर ही देवी दुर्गा ने असुरों का वध के लिए अवतार लिया था। यह दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप देवी महागौरी की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित है। साथ ही कई लोग इस दिन क्या पूजन भी करते हैं।
शारदीय नवरात्र की अष्टमी तिथि मां महागौरी की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसे में माता को लाल रंग की चुनरी में एक सिक्का और बताशा रखकर अर्पित करें। ऐसा करने से साधक को माता रानी की विशेष कृपा मिलती है और घर परिवार में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। वहीं नवमी के दिन 2 से 10 साल की उम्र की 9 कन्याओं की पूजा करें। उन्हें घर बुलाकर भोजन कराएं। इससे घर में खूब सुख-समृद्धि आती है।
महाष्टमी की पूजा के दौरान मां दुर्गा की विधि-विधान के साथ पूजा करें, साथ ही उन्हें लौंग और लाल फूल अर्पित करें। ऐसा करने से माता रानी प्रसन्न होती हैं जिससे आपके जीवन में आ रही सभी समस्याओं का निवारण होता है।
Navratri Ashtami-Navami Upay: नवरात्र में कन्या पूजन का विशेष महत्व है। ऐसे में महाष्टमी के दिन कन्याओं का पूजन करें और इन्हें अपनी क्षमतानुसार भेंट दें। इसके साथ ही इस दिन तुलसी के पौधे के पास 9 दीपक जलाएं और तुलसी माता की परिक्रमा करें। ऐसा करने से साधक के सभी प्रकार के रोग-दोष समाप्त होते हैं।
महानवमी के दिन शांत कमरे में उत्तर की दिशा की ओर मुंह करके बैठ जाएं। बैठने के लिए पीले रंग का आसन इस्तेमाल करें। फिर मां दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर के आगे 9 दीपक जलाएं। फिर इन दीपकों के सामने लाल रंग के चावल की ढेरी बनाएं और उस पर श्रीयंत्र स्थापित करके लक्ष्मी मंत्र का जाप करें।