सभी धर्मो के अपने अलग महीने होते हैं, उसमे कई परंपरायें सम्मिलित होती हैं। कई मान्यतायें भी शामिल होती हैं लेकिन सभी का उद्देश्य ख़ुशी औए एकता होता हैं। ऐसे ही रमज़ान का अपना एक महत्व होता हैं, जो इस्लामिक देशो में बड़े जोरो शोरो ने मनाया जाता हैं। यह मुस्लिम संस्कृति का एक बहुत ही महान महिना होता है, जिसके नियम बहुत कठिन होते हैं, जो इंसान में सहन शीलता को बढ़ाते हैं।
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क्या है सेहरी और इफ्तारी
रमजान महीने में सेहरी और इफ्तारी की जाती है। रोज सुबह सूर्य उगने से करीब सवा घंटे पहले रोजा शुरू हो जाता है। शाम को सूर्य अस्त होने तक रोजा रहता है। रोजा रखने वाले व्यक्ति सूर्य उदय होने से पहले और सूर्य अस्त होने के बाद ही खा-पी सकते हैं।
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सुबह सूर्य उदय होने से पहले जो कुछ खाया जाता है, उसे सेहरी कहते हैं। शाम को सूर्यास्त के बाद जब रोजा खोला जाता है, तब इफ्तारी होती है। इफ्तारी में खजूर खाने की परंपरा है। सेहरी और इफ्तारी के बीच रोजे रखने वाले लोग न तो पानी पीते हैं और न ही कुछ खाते हैं। ये बहुत ही सख्त नियम है, जिसका पालन सभी करते ही हैं।
नमाज अदा करते समय इन बातों का रखें विशेष ध्यान
जल्दी-जल्दी नमाज़ पढ़ना
नमाज़ पढ़ते वक्त इधर-उधर देखना
कपड़ा का पाक साफ न होना
जगह का पाक न होना
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