Vastu Tips for Raksha Bandhan: रक्षा बंधन का त्योहार हर भाई-बहन के लिए बहुस खास होता है। इस दिन बहन अपने प्यारे भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र के रूप में राखी बांधती हैं और भाई की लंबी उम्र की कामना करती हैं। सालों से राखी बांधने की ये परंपरा भार में चली आ रही है। बहन छोटी हो या बड़ी वह अपने भाई की कलाई पर राखी बांध कर उसके अच्छे स्वास्थ्य, लंबी आयु, सुखी जीवन और समृद्धि की कामना करती हैं और बदले में भाई जीवन भर उसका साया बनकर रक्षा करने का वचन देता है।
राखी भले ही रेशम का धागा ही क्यों न हो लेकिन इसकी महत्वता बहुत अधिक है। चूंकि रक्षा बंधन इतना महत्वपूर्ण त्योहार है तो इसके लिए कुछ जरूरी नियम भी है। हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों के लिए वास्तु शास्त्र और दिशा, ज्योतिष शास्त्र काफी मायने रखता है। दिशाओं का हमारे यहां अहम रोल है ऐसे में रक्षा बंधन बांधते समय भी सही दिशा में भाई-बहन का बैठना जरूरी है।
रक्षा बंधन बांधते समय भाई को पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए और बहन को अपना मुख पश्चिम दिशा में रखना चाहिए। उसके बाद बहन भाई के माथे पर रोली, अक्षत और चंदन का तिलक करके उसकी आरती उतारें। इसके बाद भाई की कलाई पर राखी बांधे और इस दौरान शास्त्रों के अनुसार, इस मंत्र का जाप करें।
‘येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वां अभिबन्धामि रक्षे मा चल मा चला।।’
मान्यता है कि राखी बांधते समय इसके जाप से फल मिलता है और यह शुभ होता है।
द्रिक पंचांग के अनुसार, रक्षा बंधन या राखी 30 अगस्त, बुधवार को है। हालांकि, भद्रा काल के कारण, आप 31 अगस्त को भी राखी बांध सकते हैं। इस वर्ष, रक्षा बंधन भद्रा पूँछ शाम 5:30 बजे से 6 बजे तक रहेगा: 30 अगस्त को रात 31 बजे और रक्षा बंधन भद्रा मुख शाम 6:31 बजे शुरू होगी और 30 अगस्त को रात 8:11 बजे समाप्त होगी। इसलिए, रक्षा बंधन भद्रा समाप्ति समय रात 9:01 बजे होगा।
Vastu Tips for Raksha Bandhan:चूंकि रक्षा बंधन अनुष्ठान भद्रा काल समाप्त होने के बाद शुरू होना चाहिए, इसलिए राखी बांधने और अपने भाई-बहनों के साथ रक्षा बंधन समारोह करने का शुभ मुहूर्त रात 9:01 बजे के बाद होगा। इसके अतिरिक्त, पूर्णिमा तिथि या पूर्णिमा 30 अगस्त को सुबह 10:58 बजे शुरू होती है और 31 अगस्त को सुबह 7:05 बजे समाप्त होती है। ऐसे में आप अपने भाई को रात के 9 बजे से 31 अगस्त को सुबह 7 बजे तक राखी बांध सकती हैं।