AIDS Awareness Day पर जानें एचआईवी और एड्स में क्‍या होता है फर्क, कैसे फैलता है शरीर में संक्रमण

On AIDS Awareness Day, know what is the difference between HIV and AIDS : एड्स जागरूकता दिवस 1999 में मनाया गया था

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  • Publish Date - February 7, 2023 / 06:22 PM IST,
    Updated On - February 7, 2023 / 06:41 PM IST

difference between HIV and AIDS: आज National Black HIV/AIDS Awareness Day है यह 7 फरवरी को अमेरिका में मनाया जाता है । इसका सामरिक नेतृत्व परिषद प्रत्येक वर्ष NBHAAD की योजनाओं द्वारा होता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य अश्वेत समुदायों के बीच HIV/ Aids से जुड़ी शिक्षा, परीक्षण, सामुदायिक भागीदारी और उपचार को बढ़ाने का होता है । पहला राष्ट्रीय अश्वेत एचआईवी/एड्स जागरूकता दिवस 1999 में मनाया गया था। इसका अश्वेत समुदायों में एचआईवी और एड्स की रोकथाम, देखभाल और उपचार के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए जमीनी स्तर पर शिक्षा के प्रयास के रूप में चिह्नित किया गया था।

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एचआईवी का पूरा नाम ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस है। ये वायरस शरीर के इम्यून सिस्टम में सफेद रक्त कोशिकाओं पर हमला करता है और इम्‍युनिटी को इतना कमजोर बना देता है कि शरीर मामूली चोट या बीमारियों से भी आसानी से उबर नहीं पाता। चिंता की बात ये है कि आज भी इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है. हालांकि एड्स रोगी के लिए कुछ ऐसी दवाएं जरूर मौजूद हैं, जिसके जरिए से रोग की जटिलता को कम किया जा सकता है। बीमारी की गंभीरता को देखते हुए हर साल 1 दिसंबर को विश्‍व एड्स दिवस मनाया जाता है. यहां जानिए एड्स से जुड़ी जरूरी जानकारी।

एचआईवी और एड्स में अंतर

आमतौर पर लोग एचआईवी और एड्स को एक ही समझते हैं, लेकिन इनकी स्थितियों में फर्क होता है. हर एचआईवी पॉजिटिव को एड्स हो ये जरूरी नहीं होता, लेकिन एड्स सिर्फ एचआईवी पॉजिटिव को ही होता है. एचआईवी ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस है, जिससे एक बार अगर व्‍यक्ति एक बार संक्रमित हो जाए तो रिकवर नहीं हो सकता. लेकिन आप दवाओं के जरिए इसे खतरनाक स्थिति तक पहुंचने से रोक सकते हैं. एचआईवी संक्रमण किसी भी बीमारी से लड़ने की शरीर की क्षमता को कमज़ोर बना देता है. लेकिन जब एचआईवी को सही समय पर इलाज न मिले, तो HIV अपनी गंभीर स्थिति में पहुंच जाता है और एड्स का रूप ले लेता है यानी एड्स एचआईवी की लेटर स्टेज है.

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एचआईवी संक्रमण के लक्षण

एचआईवी संक्रमण के लक्षण व्यक्ति में वायरस की चपेट में आने के दो से चार हफ्ते के भीतर ही लक्षण नजर आने लगते हैं. शुरुआती स्थिति में संक्रमित में बुखार, सिरदर्द, दाने या गले में खराश सहित इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण महसूस होते हैं. ऐसे में तेजी से वजन कम होना, बुखार, दस्‍त, खांसी, लिम्फ नोड्स में सूजन, कुछ तरह के कैंसर विकसित होना आदि तमाम लक्षण सामने आ सकते हैं.

संक्रमित रोग है एड्स

डब्ल्यूएचओ की मानें तो एड्स खुद में कोई बीमारी नहीं होता है, लेकिन इससे ग्रसित रोगी की इम्‍युनिटी इतनी कमजोर हो जाती है कि वो कई अन्‍य रोगों से आसानी से घिर जाता है और रिकवर नहीं कर पाता. एड्स एचआईवी वायरस के कारण होता है जो संक्रमण के कारण शरीर में पहुंचता है. शरीर में एचआईवी संक्रमण के प्रसार के कई कारण हो सकते हैं जैसे असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित व्यक्ति के या गर्भावस्था खून के जरिए, इसके अलावा प्रसव के दौरान संक्रमित मां से बच्चे तक एचआईवी फैल सकता है.

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क्‍या है इलाज

difference between HIV and AIDS: एचआईवी वायरस का अब तक कोई ठोस इलाज नहीं है, लेकिन ऐसी तमाम दवाएं हैं जो इस वायरस को कमजोर बना सकती हैं। इन दवाओं के माध्‍यम से एचआईवी को नियंत्रित किया जा सकता है और इसकी जटिलताओं को कम करके इसे एड्स बनने से रोका जा सकता है. एचआईवी की दवाओं को एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (एआरटी) कहा जाता है।