नई दिल्ली । Makar Sankranti kyu manaya jata hai हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का विशेष महत्व है। इस दिन सूर्य धनु राशि से निकल कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इस दिन पवित्र नदी में स्नान व उसके पश्चात दान किया जाता है। वैदिक पंचांग कद अनुसार इस साल 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी। इस दिन सुबह 08:21 मिनट पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा।
Makar Sankranti kyu manaya jata hai मकर संक्रांति पर सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण की यात्रा प्रारंभ कर देते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य का मकर रेखा से उत्तरी कर्क रेखा की तरफ जाना उत्तरायण कहलाता है जबकि कर्क रेखा से दक्षिणी मकर रेखा की ओर जाने पर दक्षिणायण की यात्रा शुरू होती है। शास्त्रों में उत्तरायण को देवताओं का दिन और दक्षिणायन को देवताओं की रात कहा जाता है।
Makar Sankranti kyu manaya jata hai श्रीमद्भागवत एवं देवी पुराण के मुताबिक, शनि महाराज का अपने पिता से वैर भाव था क्योंकि सूर्य देव ने उनकी माता छाया को अपनी दूसरी पत्नी संज्ञा के पुत्र यमराज से भेद-भाव करते देख लिया था, इस बात से नाराज होकर सूर्य देव ने संज्ञा और उनके पुत्र शनि को अपने से अलग कर दिया था। इससे शनि और छाया ने सूर्य देव को कुष्ठ रोग का शाप दे दिया था।
Makar Sankranti kyu manaya jata hai शास्त्रों के अनुसार मकर संक्रान्ति के दिन ही भगवान विष्णु के अंगूठे से निकली देवी गंगाजी भागीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होकर सागर में जा मिली थीं। भगीरथ के पूर्वज महाराज सगर के पुत्रों को मुक्ति प्रदान हुआ था। इसीलिए इस दिन बंगाल के गंगासागर में कपिल मुनि के आश्रम पर एक विशाल मेला लगता है। सनातन मान्यताओं के मुताबिक मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलने स्वयं उनके घर जाते हैं। चूंकि शनि देव मकर राशि के स्वामी हैं, उनके घर में सूर्य के प्रवेश मात्र से शनि का प्रभाव क्षीण हो जाता है।
Makar Sankranti kyu manaya jata hai ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब मकर संक्रांति पर सूर्यदेव मकर राशि में प्रवेश करते है तो इस दिन से मौसम में बदलाव शुरू हो जाता है।इस दिन से शरद ऋतु का समापन और बंसत ऋतु की शुरुआत होती है। मकर संक्रांति के बाद से दिन लंबे और रात छोटी होने लगती है।