11 फरवरी को ही क्यों मनाया जाता है International Day of Women and Girls in Science? जानें क्या है इसका महत्व और इतिहास

Why is International Day of Women and Girls in Science celebrated only on 11 February? :थीम “इनोवेट, डेमोंस्ट्रेट, एलिवेट और एडवांस है

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  • Publish Date - February 11, 2023 / 03:35 PM IST,
    Updated On - February 11, 2023 / 03:35 PM IST

International Day Of Women & Girls In Science: हर साल 11 फरवरी का दिन दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय महिला वैज्ञानिक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस साल इस इवेंट के आयोजन को 8 साल हो गए हैं। संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य 2030 (The United Nations Sustainable Development Goals 2030) अपने एजेंडे में साइंस की दुनिया में लैंगिक समानता को एक अहम कड़ी मानता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी (science and technology) के क्षेत्र में महिलाओं के महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देने के लिए 11 फरवरी को विज्ञान में महिलाओं और लड़कियों के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाने का एलान किया है।

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8वें अंतर्राष्ट्रीय दिवस की थीम “इनोवेट, डेमोंस्ट्रेट, एलिवेट और एडवांस है

UNESCO के मुताबिक, करीब 30 प्रतिशत छात्राएं ने इस साल उच्च शिक्षा के लिए STEM से संबंधित क्षेत्रों का चयन किया है। विश्व स्तर पर, महिला छात्रों का नामांकन प्राकृतिक विज्ञान, आईसीटी, गणित-सांख्यिकी और निर्माण, इंजीनियरिंग और मैनूफैक्चरिंग में विशेष रूप से कम है।विज्ञान में महिलाओं और लड़कियों के 8वें अंतर्राष्ट्रीय दिवस की थीम “इनोवेट, डेमोंस्ट्रेट, एलिवेट और एडवांस (IDEA) है ।विज्ञान में महिलाओं और लड़कियों के इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय दिवस का फोकस इस बात पर होगा कि कैसे सतत विकास लक्ष्य विज्ञान में महिलाओं और लड़कियों की भूमिका से जुड़ते हैं।

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ऐसे हुई शुरुआत

वर्ष 2015 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा 11 फरवरी को विज्ञान में महिलाओं और बालिकाओं का अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाने के तौर पर अपनाया गया था। इस दिन को मनाने की शुरुआत वर्ष 2016 में हुई थी। यूनेस्को और संयुक्त राष्ट्र महिला द्वारा इसको लागू किया गया। इसमें अंतर सरकारी एजेंसियों और संस्थानों के साथ-साथ नागरिक समाज का भी साथ रहा ताकि महिलाओं और लड़कियों को विज्ञान के क्षेत्र में पुरुषों के मुकाबले, भागीदारी के लिए पूर्ण और समान रूप से बढ़ावा दिया जा सके।

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ये भी है वजह

International Day of Women and Girls in Science: इंटरनेशनल डे ऑफ वीमेंस एंड गर्ल्स इन साइंस के इस दिन को मनाये जाने की वजह एक अध्य्यन भी रही। 14 देशों में कराए गए अध्ययन से पता चला, कि विज्ञान से जुड़े क्षेत्र में बैचलर्स डिग्री, मास्टर्स डिग्री और डॉक्टर्स डिग्री करने वाली महिला छात्राओं का प्रतिशत 18, 8 और 2 है. जबकि पुरुष छात्रों का प्रतिशत 37,18 और 6 है। यूनेस्को के आंकड़ों के (वर्ष 2014-16) के अनुसार, लगभग 30 प्रतिशत महिलाएं उच्च शिक्षा में एसटीईएम (STEM : Science, Technology Engineering and Mathematics) से संबंधित क्षेत्रों का चयन करती हैं. इस क्षेत्र में महिलाएं और बालिकाएं भी आगे बढ़ सकें इसलिए इस दिन को मनाया जाता है।