भोपाल: Minister Tulsi Silavat and Suresh Pachauri on IBC24 MIND SUMMIT मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में शनिवार यानी आज देश की दिग्गज हस्तियां मध्यप्रदेश के सरोकार से जुड़े विषयों पर अपनी राय जाहिर करने के लिए एक मंच पर आ रही हैं। ये मंच मुहैया करा रहा है मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ का सबसे लोकप्रिय और भरोसेमंद चैनल IBC24। ‘माइंड समिट-पाथ टू प्रोगेस’ नाम के इस आयोजन में राजनीति, धर्म, शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल जगत से जुड़ी हस्तियां समस्याओं के कारणों को उजागर करने के साथ ही उसके समाधान के लिए सुझाव भी दे रही हैं।
IBC24 ‘माइंड समिट-पाथ टू प्रोगेस’ के दूसरे सेशन में सांवेर विधायक कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट और वरिष्ठ नेता सुरेश पचौरी की मौजूदगी रही। इस सेशन जिसका नाम दल बदला, दिल बदले क्या? में दल बदल को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैने राजनीति की शुरूआत कांग्रेस से की थी उस समय कांग्रेस की विचारधारा बेहतर थी लेकिन समय के साथ इस पार्टी की विचारधारा बदल गई। पचौरी ने कहा कि मैं राजनीति में समाज सेवा के लिए राष्ट्रभावना के साथ आया, कांग्रेस जिन सिद्धांतों और नीतियों के लिए जानी जाती थी लेकिन उससे जब वह अलग हटने लगी तो मैने पूरे 14 साल इंतजार किया। लेकिन कांग्रेस की विचारधारा जब नहीं बदली तो मैंने हटने का काम किया। नेहरू इंदिरा के समय कांग्रेस का नारा था कि न जाति पर न पांत पर मुहर लगेगी हाथ पर, लेकिन उसके बाद क्या होने लगा ये बताने की आवश्यता नहीं है। राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन का इंतजार पूरे देश को था, लेकिन कांग्रेस ने जिसतरह से अपना रुख अपनाया वे भी उनकी पार्टी से हटने कई कारणों में से एक था।
वहीं मंत्री तुलसीराम सिलावट से सवाल पूछा गया। उनसे पूछा गया कि 2020 में जब उन्होंने दल बदला और बीजेपी में एक धारा की तरह घुलमिल गए, इसके पीछे की क्या वजह है? तब उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि कहीं भी रहो निष्ठा, आस्था, विश्वास से रहो और अपना लक्ष्य निर्धारित करो और हमारा लक्ष्य है जनता की सेवा करना। जो हमारी भारतीय जनता पार्टी है ये हमारी मां है और मैं अपने मां के आंचल में आया हूं।
जब तुलसी सिलावट से पूछा गया कि आप कमलनाथ, शिवराज और अब मोहन सरकार में मंत्री है तो आपने किसको सबसे बेहतर पाया? इस पर जवाब देते हुए तुलसी सिलावट से कहा कि तीनों का अलग अलग स्थान है। जब मैं कमलनाथ जी के साथ काम करता था तो उनकी विचारधारा के हिसाब से काम करता था। शिवराज सिंह की तत्परता के हिसाब से काम किया और अब मोहन सरकार में मंत्री हूं तो उनकी जो मध्यप्रदेश के राष्ट्र के पटल पर स्थापित करने के विचारों के साथ काम कर रहा हूं।
जब तुलसी सिलावट से पूछा गया कि उस वक्त कहा जा रहा था कि आप लोग ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक थे उनकी सारथी की भूमिका में रहे तो क्या आज भी आप लोगों को लगता है कि सिंधिया को प्रदेश का मुखिया बनाया जाना चाहिए? इस पर तुलसी सिलावट ने जवाब देते हुए कहा कि सिंधिया परिवार का पूरे राष्ट्र में अलग स्थान है। ज्योतिरादित्य सिंधिया की आरजू, सोच किसी पद को पाना नहीं है। उनका संकल्प सिर्फ जनता की सेवा करना है। उनकी ये ही पहली अभिलाषा और आरजू है।
आपके पास जल संसाधन का महत्वपूर्ण मंत्रालय है। इस पर क्या कुछ किया जाना है? इस पर मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि हमारे राष्ट्र की आधे से अधिक आबादी गांव में बसती है, हमारे प्रधानमंत्री हम गांव, कृषि को लाभ का धंधा तभी बना सकते हैं, जब हर खेत को पानी दें। मैं आपको स्मरण कराना चाहूंगा कि 2003 पूरे मध्य प्रदेश में सिंचाई का रकबा मात्र 6 या 7 लाख हेक्टेयर हुआ करता था और भारतीय जनता पार्टी सरकार में हम सिंचाई का रकबा बढ़ा रहे हैं और अगला लक्ष्य 2025 का लगभग 65 लाख हेक्टेयर में हम सिंचाई करेंगे और आगे लगभग 100 लाख हेक्टेयर में सिंचाई करने का हमारा यह संकल्प है। सबसे बड़े गौरव की बात हमारे लिए है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी का एक सपना था नदियों को एक दूसरे से जोड़ने का। आप जानते हैं मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश केन बेतवा जो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी का सपना था। हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केन बेतवा और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नेतृत्व में हम लोग केन बेतवा को जोड़ने का काम कर रहा है। एक एक बूंद के लिए हमारा बुंदेलखंड का तरसता था। 90% यह राष्ट्रीय परियोजना है कि देश के प्रधानमंत्री ने देश के प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश को केन बेतवा के रूप में बड़ी योजना सौगात मिली है, अन्नदाता के खेतों को पानी मिला है।
अभी भी आप अपने आप को यंग बना कर रखे है? उसका कारण क्या है? क्या युवाओं को कोई संदेश देना चाहते हैं ? इस पर सुरेश पचौरी ने कहा कि मेरा यह सोचना है कि अपना जीवन नियमित और संयमित रखना चाहिए, आहार संयमित लेना चाहिए जो दिनचर्या है वह इस ढंग से रहना चाहिए कि वह रेगुलर रहे और सकारात्मक सोच के साथ बगैर कोई आकांक्षा पाले हुए अपने दिनचर्या को आगे बढ़ना चाहिए।
वहीं तुलसीराम सिलावट ने कहा कि 70 साल के बाद भी उम्र का पता नहीं चलता यह आप सभी का स्नेह प्रेम सकारात्मक सोच और दिल दिमाग काम करने में लगाओ, कभी उम्र आड़े नहीं आती। परिवर्तन तो प्रकृति का नियम है, जो हमारे राष्ट्र की युवा शक्ति है उसको मोदी और भाजपा के नेतृत्व में आगे आने चाहिए क्योंकि राष्ट्र में जब-जब परिवर्तन आता है युवकों के माध्यम से आया है।
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