#IBC24 MIND SUMMIT: भोपाल। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ का सबसे लोकप्रिय और भरोसेमंद चैनल IBC24 द्वारा आज यानि 7 दिसंबर, शनिवार को मध्यप्रदेश राजधानी भोपाल में ‘माइंड समिट-पाथ टू प्रोग्रेस’ का आयोजन किया गया है। इस खास कार्यक्रम में राजनीति, धर्म, शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल जगत से जुड़ी हस्तियों से तीखे सवाल किए जा रहे हैं, तो वहीं दिग्गजों द्वारा समाधान के लिए सुझाव भी दिया जा रहा है। इस कार्यक्रम के दूसरे सेशन में कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट और पूर्व केंद्रीय मत्री सुरेश पचौरी ने शिरकत की।
‘माइंड समिट-पाथ टू प्रोग्रेस’ के दूसरे सेशन दल बदला, दिल बदले क्या? विषय पर बात की गई। एंकर हितेश व्यास ने सुरेश पचौरी के कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होने पर सवाल किया कि, कांग्रेस में आपको पूरा सम्मान मिला, क्या भाजपा वाले भी इतना ही सम्मान करते हैं? इस पर उन्होंने जवाब देते हुए उन्होंने सबसे पहले राजनीति में अपने आने की वजह बताई। राष्ट्र भावना से प्रेरित होकर, समाज सेवा के लिए मैंने राजनीति में आने का फैसला लिया। समय समय जो भी जिम्मेदारियां मुझे मिली मैंने अपने कर्तव्य का निर्वहन राष्ट्रहित में किया।
सुरेश पचौरी ने बताया कि, मैंने कांग्रेस से राजनीति की शुरुआत की। कांग्रेस जिन सिद्धांतों और नीतियों के लिए जानी जाती थी, जिस राष्ट्रीय भावना से काम करती थी। जब मैंने ये पाया कि वो उससे कुछ अलग जो रही है। कब मैंने इंतजार किया, जब मुझे 14 सालों के इंतजार करने के बाद लगा कि कोई परिवर्तन नहीं होने वाला है। धैर्य और संयम हो गया काफी और अब आध्यात्मिक दृष्टि से राष्ट्रीय दृष्टि से मुझे फैसला लेना चाहिए तो कारण केवल प्राण प्रतिष्ठा समारोह के आयोजन के संबंध में कांग्रेस पार्टी ने निर्णय लिया केवल वहीं कारण नहीं और भी कई कारण थे, जिसके चलते मैंने पार्टी छोड़ी।
एंकर हितेश व्यास ने सुरेश पचौरी से सवाल किया कि आप यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष से लेकर पीसीसी के अध्यक्ष रहे। केंद्रीय मंत्री की भूमिका में भी आप रहे, बहुत सम्मान मिला। अब आपके बीजेपी में शामिल हुए लगभग एक साल होने वाले हैं, क्या भारतीय जनता पार्टि में भी वो सम्मान मिल रहा है? इस सवाल का जवाब देते हुए सुरेश पचौरी ने कहा कि, मुझे अपनापन मिल रहा है और सम्मान भी मिल रहा है।सम्मान केवल वह नहीं कहलाता जो पद दिया जाता है उससे कोई व्यक्ति सम्मानित होता है। आपके सुझाव को लोग एक सम्मानित नजरिए से देखें उसे सम्मान कहा जाता है। यहां देखें वीडियो..