नई दिल्ली । चैत्र नवरात्रि के सातवे दिन मां दुर्गा के सबसे शक्तिशाली स्वरुप यानि देवी कालरात्रि को समर्पित होता है। मां कालरात्रि बेहद दयालु होती है। अगर कोई भक्त सच्चे मन से मां कालरात्रि की उपासना करें तो उनकी मनोकामना जरुर पूरी होती है। शास्तों में मां कालरात्रि को बेहद ममतामयी बताया गया है। आदिकाल में कई बार अपने भक्तों की रक्षा करने के लिए मां ने दुष्टों का नाश किया है। Maa kalratri aarti puja vidhi bhog mantra in hindi नवरात्रि में मां कालरात्रि की उपासना से शत्रु और विरोधियों से मुक्ति मिलती है। देवी कालरात्रि जिस पर प्रसन्न हो जाएं बड़ी से बड़ी विपदा टल जाती है यहां तक कि शनि के अशुभ प्रभाव में भी कमी आती है।
मां कालरात्रि पूजा विधि-
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें।
मां की प्रतिमा को गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं।
मां को लाल रंग के वस्त्र अर्पित करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां को लाल रंग पसंद है।
मां को स्नान कराने के बाद पुष्प अर्पित करें।
मां को रोली कुमकुम लगाएं।
मां को मिष्ठान, पंच मेवा, पांच प्रकार के फल अर्पित करें।
मां कालरात्रि को शहद का भोग अवश्य लगाएं।
मां कालरात्रि का अधिक से अधिक ध्यान करें।मां की आरती भी करें।
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मां कालरात्रि की इन शुभ मुहूर्त करें पूजा-
ब्रह्म मुहूर्त- 04:43 ए एम से 05:30 ए एम।
अभिजित मुहूर्त- 12:02 पी एम से 12:51 पी एम।
विजय मुहूर्त- 02:30 पी एम से 03:19 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 06:35 पी एम से 06:59 पी एम
अमृत काल- 07:58 ए एम से 09:43 ए एम
निशिता मुहूर्त- 12:03 ए एम, मार्च 29 से 12:49 ए एम, मार्च 29
द्विपुष्कर योग- 06:16 ए एम से 05:32 पी एम