Mani Shankar Aiyar: देश की सबसे पुरानी कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता के साथ भूतपूर्व भारतीय राजनयिक और राजनेता मणिशंकर अय्यर का आज 82वां जन्मदिन है। मणिशंकर अय्यर, मनमोहन सिंह की सरकार में केंद्रीय मंत्री की जिम्मेदारी संभाल चुके है। राजनीति में आने से पहले मणिशंकर अय्यर 26 साल तक भारतीय विदेश सेवा में कार्यरत रहे है। मणिशंकर अय्यर अक्सर अपने बयानों को लेकर भी सुर्ख़ियों में रहते है। मणिशंकर अय्यर अपने बयानों की वजह से अपनी ही पार्टी के लिए परेशानी भी खड़ी कर चुके हैं। आज उनके जन्मदन को मौके पर उनसे जुड़े तथ्यों के बारे में बताने जा रहे है।
Mani Shankar Aiyar Biography: मणिशंकर अय्यर का जन्म 10 अप्रैल 1941 अविभाजित भारत के लाहौर में एक तमिल ब्राह्मण परिवार में हुआ था। मणिशंकर अय्यर के पिता का नाम वैद्यनाथ शंकर अय्यर और माता का नाम भाग्यलक्ष्मी था। वैद्यनाथ शंकर अय्यर तमिलनाडु के तंजोर के रहने वाले थे। वह पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट थे और नौकरी की तलाश में लाहौर आए थे। लाहौर में वैद्यनाथ लक्ष्मी इंश्यॉरेंस कंपनी में काम करने लगे। देश के विभाजन के बाद मणिशंकर का परिवार भारत आ गया। जब मणिशंकर अय्यर 12 साल के थे, तभी उनके पिता की विमान दुर्घटना में मौत हो गई थी। मणिशंकर अय्यर के छोटे भाई का नाम स्वामीनाथन अय्यर है।
Mani Shankar Aiyar Education: मणिशंकर अय्यर ने अपनी शुरूआती शिक्षा देहरादून के सेंट वेल्ह्म बॉयज़ स्कूल और दिल्ली के सेंट स्टीफन्स कॉलेज से पूरी की है। मणिशंकर अय्यर ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक किया है। इसके बाद मणिशंकर ने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र विषय में दो साल का ट्राइपोज़ किया है। यही नहीं मणिशंकर ने इंडियन स्कूल ऑफ़ माईन्स से D. Sc (Honoris Causa) की उपाधि भी हासिल की है।
Mani Shankar Aiyer Career: मणिशंकर अय्यर साल 1963 में भारतीय विदेश सेवा के लिए चुने गए। उन्होंने शुरुआत में भारत सरकार में संयुक्त सचिव के रूप में काम किया। मणिशंकर अय्यर ने करीब 26 साल तक भारतीय विदेश सेवा के लिए काम किया। इस दौरान मणिशंकर अय्यर ने अलग-अलग कई जिम्मेदारियां संभाली। मणिशंकर अय्यर ने उद्योग और आतंरिक व्यापार मंत्रालय में निजी सचिव, कराची में भारत के पहले महावाणिज्यदूत, विदेश मंत्रालय में बतौर संयुक्त सचिव और सूचना व प्रसारण मंत्री के सलाहकार सहित कई पदों पर कार्य किया है।
Mani Shankar Aiyar Political Life: मणिशंकर अय्यर ने साल 1989 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया। साल 1991 में मणिशंकर अय्यर ने मायिलादुतुरई निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीतकर सांसद बने। इसके बाद साल 1992 में मणिशंकर अय्यर अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी (AICC) के सदस्य बने। मणिशंकर अय्यर साल 1998 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के सचिव बने।
मणिशंकर अय्यर को साल 1996, साल 1998 और साल 2009 के लोकसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा जबकि साल 1999 और साल 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में उन्हें जीत हासिल हुई। साल 2004 में जब देश में मनमोहन सिंह की सरकार बनी तो उस सरकार में मणिशंकर अय्यर को मंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई। मनमोहन सिंह सरकार में मणिशंकर अय्यर ने बतौर मंत्री प्राकृतिक गैस और पेट्रोलियम मंत्री, पंचायती राज मंत्री, युवा कल्याण मंत्री और खेलमंत्री का पद भी संभाला।
mani shankar aiyer wife: मणिशंकर अय्यर की पत्नी का नाम ‘सुनीत वीर सिंह´है। 14 जनवरी 1973 को मणिशंकर अय्यर और सुनीत की शादी हुई थी। सुनीत एक सिख परिवार से आती हैं। दोनों के परिवार इस शादी से खुश नहीं थे। हालांकि परिवार की मर्जी के खिलाफ दोनों ने शादी की। मणिशंकर अय्यर की तीन बेटियां है। उनके नाम यामिनी अय्यर, सना अय्यर और सुरन्या अय्यर है।
mani shankar aiyar controversial statement: 17 जनवरी 2014 को लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करते हुए मणिशंकर अय्यर ने भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी को लेकर कहा था कि, ‘मैं आपसे वायदा करता हूं कि 21वीं सदी में मोदी इस देश का प्रधामंत्री नहीं बन सकता। अगर उन्हें चाय ही बेचनी है, तो उनके लिए जगह हम खोज देंगे।’ उनके इस बयान को मोदी ने जमकर भुनाया। हमला बढ़ते देख कांग्रेस ने भी मणिशंकर के बयान से पल्ला झाड़ लिया।
mani shankar aiyar on pm modi: मणिशंकर अय्यर ने एक बार पाकिस्तान के ‘दुनिया टीवी’ को इंटरव्यू देते हुए कहा था कि, ‘अगर पाकिस्तान को भारत से बाइलेट्रल टॉक करनी है तो उसे पहले नरेंद्र मोदी सरकार को हटाना होगा और हमें (कांग्रेस को) लाना होगा।’ उनके इस बयान पर काफी बवाल मचा था, जिसके बाद कांग्रेस ने भी उनके बयान से पल्ला झाड लिया था।
mani shankar aiyar statement in gujarat: गुजरात में विधानसभा चुनाव के दौरान मणिशंकर अय्यर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए ‘नीच और असभ्य’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया। उनके इस बयान को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जमकर भुनाया और इसे गुजराती अस्मिता से जोड़ दिया। उनके इस बयान से भी चुनाव में भाजपा को फायदा पहुंचा।
mani shankar aiyar mugal statement: नवंबर 2021 में मणिशंकर अय्यर मुगलों की तारीफ़ करके सुर्ख़ियों में आए थे। मणिशंकर अय्यर ने मुगल शासन में हुए अत्याचारों की बातों को नकार दावा किया कि मुगलों ने कभी देश में धर्म के नाम पर अत्याचार नहीं किया।