मैडम प्रेसिडेंट का आसान नहीं था क्लर्क से राष्ट्रपति बनने तक का सफर, एक समय खो दिया था सब कुछ, फिर…

Draupadi Murmu Birthday जानिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के जीवन की संघर्ष यात्रा, 'झोपड़ी से रायसीना हिल्स तक का सफर'

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  • Publish Date - June 20, 2023 / 01:39 PM IST,
    Updated On - June 20, 2023 / 01:39 PM IST

Draupadi Murmu Birthday: जीवन की हर उथल-पुथल को दृढ़ता से लड़कर पार करने वाली देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज अपना 65वां जन्मदिन मना रही हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आदिवासी समुदाय से आने वाली देश की पहली राष्ट्रपति हैं। वहीं, वह देश के शीर्ष पद पर पहुंचने वाली दूसरी महिला भी हैं। विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश कहे जाने वाले भारत के सबसे बड़े संवैधानिक पद पर विराजमान द्रौपदी मुर्मू का का जन्म 20 जून 1958 को ओड़िशा के मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में एक संथाल परिवार में हुआ था।

लोगों के लिए बनी मिशाल

Draupadi Murmu Birthday: देश के सर्वोच्च पद तक की राह द्रौपदी मुर्मू के लिए बिलकुल भी आसान नहीं थी। एक समय था जब आदिवासी परिवार से आने वालीं द्रौपदी मुर्मू झोपड़ी में रहती थीं। जिन्होंने अब 340 कमरों के आलीशान राष्ट्रपति भवन तक का सफर पूरा कर लिया है। ये सफर उनके लिए आसान नहीं था। यहां तक पहुंचने के लिए उन्होंने बहुत सम्सयाओं का सामना किया। उन्होंने अपने जीवन में बहुत संघर्ष किया है, जिसके बाद देश के सर्वोच्च पद पर विराजमान हैं और लोगों के लिए एक मिसाल बन गई हैं।

जूनियर असिस्टेंट की नौकरी की

Draupadi Murmu Birthday: संथाल परिवार में जन्मी मुर्मू ने सिंचाई व ऊर्जा विभाग में जूनियर असिस्टेंट की नौकरी की। उसके बाद रायरंगपुर में अरविंदो इंटीग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर में बतौर शिक्षक अपनी सेवाएं दी। आपको बता दें कि गरीबी के दलदल से निकलकर द्रौपदी मुर्मू ने अपनी स्नातक की डिग्री ली। कम उम्र में ही द्रौपदी मुर्मू ने अपने पति को खो दिया। इसके बाद उन्होंने अपने दो बेटों को भी खोने का दुःख झेला है। फ़िलहाल उनके परिवार में बेटी, नातीन और दामाद हैं।

किया था प्रेम विवाह

Draupadi Murmu Birthday: वर्तमान राष्ट्रपति का शुरुआती जीवन बेहद संघर्षशील रहा। वे अपने गांव की पहली ऐसी लड़की थी जो ग्रेजुशन करने के बाद भुवनेश्वर तक पहुंची। हालांकि उन्होंने स्कूली पढ़ाई अपने गांव से ही की थी। कॉलेज के दौरान उनकी मुलाकात श्याम चरण मुर्मू से हुई। जिसके बाद दोनों के बीच प्रेम हुआ और फिर शादी कर ली। शादी में एक गाय, एक बैल और 16 जोड़ी कपड़े दिए गए। साल 2009 में उनके ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। इस साल उनके 25 वर्षीय बेटे की अचानक मौत हो गई।

एक समय टूट गईं थी मुर्मू

Draupadi Murmu Birthday: इस रहस्यमयी मौत का खुलासा अब तक नहीं हो पाया है। इस क्रूर दर्द से वह निकल नहीं पाई थीं कि एक और बुरी खबर मिला। अब उनके दूसरे बेटे की एक रोड एक्सीडेंट में मौत हो गई। इसके अगले साल ही उनके पति की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। वह इन सब से बेहद टूट गई थीं। अब उनके परिवार में केवल उनकी बेटी इतिश्री मुर्मू हैं।

राजनीतिक सफर

Draupadi Murmu Birthday: राष्ट्रपति मुर्मू ने राजनीति में प्रवेश करने से पहले सिंचाई और बिजली विभाग में जूनियर असिस्टेंट के रूप में भी काम किया। इसके अलावा उन्होंने ऑनरेरी असिस्टेंट टीचर के रूप में काम किया था। राजनीति के करियर में 1997 में पहली बार चुनाव लड़ा और ओडिशा के राइरांगपुर जिले में पार्षद चुनी गईं। फिर 2000 में राइरांगपुर से विधानसभा चुनाव जीतने के बाद उनको सरकार में स्वतंत्र प्रभार का राज्यमंत्री बनाया गया।

संघर्ष भरा रहा जीवन

Draupadi Murmu Birthday: इसके बाद 2002 में ओडिशा सरकार में मत्स्य एवं पशुपालन मंत्री बनाया गया। इसके बाद साल 2009 में वे बीजेपी की टिकट पर फिर से विधानसभा चुनाव लड़ीं और जीतीं। उन्होंने 2009 में लोकसभा चुनाव भी लड़ा, लेकिन इसमें उन्हें सफलता नहीं मिल पाई। साल 2015 में राष्ट्रपति मुर्मू को झारखंड का राज्यपाल बनाया गया। इसके बाद उन्होंने 2022 में देश के सर्वोच्च पद का पदभार संभाला। जिसके साथ वे देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति बनीं। आज के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 65 वर्ष की हो गई हैं। उन्होंने अपने जीवन में आज जिस ख्याति को पाया है, उस तक रास्ते में बेहद संघर्ष भी झेला है।

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