Dalai Lama Tenzin Gyatso Birthday : नई दिल्ली। ‘मेरा शरीर तिब्बती है लेकिन मन से मैं एक भारतीय हूं’। तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा को 64 साल पहले 31 मार्च, 1959 में तिब्बत से भागना पड़ा था। तब से वो भारत में ही रह रहे हैं। 6 जुलाई, 1935 को तिब्बतियों के धर्मगुरु और 14वें दलाई लामा का जन्मदिन है। वह 88 साल के हो जाएंगे। आइये उनके जन्मदिन के अवसर पर आपको बताते है दलाई लामा के उस सफर के बारे में जिसके कारण आज हम उन्हें इतना सम्मान देते है।
17 मार्च, 1959 को दलाई लामा तिब्बत की राजधानी ल्हासा से पैदल ही भारत आने के लिए निकल गए थे। हिमालय के पहाड़ों को पार करते हुए महज 15 दिन के अंदर ही वे भारत की सीमा पार कर चुके थे। 31 मार्च को वह भारतीय सीमा में दाखिल हुए और यहीं के होकर रह गए। इस कठिन यात्रा के दौरान दलाई लामा को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ा। चीन की नजरों से बचने के लिए उन्हें केवल रात को ही सफर करना पड़ा था।
Dalai Lama Tenzin Gyatso Birthday : हिमाचल प्रदेश की धर्मशाला में रहते हुए दलाई लामा तिब्बत की निर्वासित सरकार को चलाते है। जिसका चुनाव भी होता है और इस चुनाव में दुनियाभर के तिब्बती शरणार्थी मतदान करते हैं। हालांकि मतदान करने से पहले शरणार्थी तिब्बतियों को रजिस्ट्रेशन करवाना होता है। चुनाव के दौरान तिब्बती लोग अपने सिकयोंग यानी राष्ट्रपति को चुनते हैं। अपने देश की तरह ही तिब्बत की संसद का कार्यकाल भी 5 साल का होता है। इस दौरान चुनाव लड़ने और मतदान करने का अधिकार सिर्फ उन तिब्बतियों के पास होता है। जिनके पास ग्रीन बुक होती है। सेंट्रल तिब्बतन एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा यह बुक जारी की जाती है। एक तरह से इसे पहचान पत्र भी कहा जा सकता है।
Dalai Lama Tenzin Gyatso Birthday