कांकेर : BEJOD BASTAR : छत्तीसगढ़ सरकार की पुलिस और सुरक्षा बल न सिर्फ नक्सल इलाको में सुरक्षा ही प्रदान कर रहे है, बल्कि सुरक्षा कैंप उस क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे है। इसका सीधा उदाहरण पिछले 3 सालो में कांकेर जिले में देखने को मिलता है। सरकार की मंशा अनुरूप समग्र विकास योजना और पुलिस की मनवा नवा नार योजना ग्रामीणों को सुरक्षा ही प्रदान नही की बल्कि ग्रामीणों का भरोसा जीता है। इतना ही उनकी समस्याओं का समाधान और शासन की योजनाओं का लाभ दिलवाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। कांकेर जिले नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बलो का प्रभाव बढ़ा है और नक्सली भी बैक फुट में आए है।
BEJOD BASTAR : जिले के एसपी शलभ सिन्हा ने बताया कि दल्ली राजहरा से रावघाट तक जो रेल लाइन का काम होना था अंतागढ़ जो नक्सल प्रभावित क्षेत्र है यहां पर एसएसबी और जिला पुलिस की टीम ने पहले नक्सल प्रभाव को कम किया और अंतागढ़ तक रेल लाइन का कार्य पूर्ण कर लिया है। अब रेल की आवाजाही भी शुरू हो गई है। लोगो में कभी खुशी है और भी पैसेंजर ट्रेन की मांग की जा रही है। मुखमंत्री भूपेश बघेल की मंशा थी कि जितने भी हम सुरक्षा कैंप हम खोलते है, समग्र विकास बनाया जाए, जिसे हमारी पुलिस मनवा नवा नार कार्य योजना के तहत कार्य कर रही है। इसमें ग्रामीण क्षेत्र में जो सुरक्षा कैम्प खुल रहे है वो ग्रामीणों को सुरक्षा दे रहे है। साथ ही शासन की जिन योजनाओं की मांग ग्रामीण कर रहे वो भी उन तक पहुंचा रहे है।
BEJOD BASTAR : लगातार ग्रामीणों के सहयोग और उनसे संवाद से नक्सल आतंक को कम करने में भी सफलता हासिल की है। कोयलीबेडा ब्लॉक मुख्यालय से पखांजूर की दूरी अब 100km कम हुई है। 2020 में 2 कैंप खोले गए जिससे समग्र विकास योजना के तहत काम किया गया। पुल पुलिया सड़क का निमार्ण कराया गया। बरसात में 30-40 गांव जो टापू बन जाया करते थे अब उनको आने जाने में दिक्कत नही है। पिछले 3 सालो में हमने 15 कैंप खोले है। सुरक्षा विकास विश्वास पर हम काम कर रहे है। सुरक्षा बलो के प्रति लोगो की सोच बदली है। क्षेत्र का विकास हो रहा है, मोबाइल टावर लग रहे है। कोटरी नदी में 2बड़े पूल बनाए है जिससे जो गांव कट ऑफ हो जाते थे वो भी अब मुख्यधारा से 12 महीने जुड़े रहते है।