Bejod Bastar : बस्तर। छग के बस्तर में विकास के पैमाने को बढाने में सबसे बड़ा रोल सड़को का होता है, वही यंहा इलाके ऐसे थे जँहा पहुच मार्ग नही होने के चलते। विकास कार्य प्रशानिक योजनाएं ग्रामिणों तो नहीं पहुँच पा रही थी। लेकिन सड़क मार्ग बनाना आसान नही था सबसे बड़ी बड़ी चुनौतीया थी। क्योंकि इलाका माओवादियों के कब्जे में हुआ करता था ,ऐसे में सबसे सराहनीय कार्य यंहा तैनात सुरक्षा बलों के जवानो का भी है। जवानो ने अपनी जान न्यौछावर कर सड़क पर सुरक्षा दी और दहशत के साए में सड़कों का निर्माण कराया। हम बात कर रहे है नारायणपुर जिले को दंतेवाड़ा से जोड़ने वाली सड़क पल्ली बारसूर, SH 5 मार्ग की जिसके निर्माण के बाद यंहा दोनों जिलों के बाशिन्दों के भाग खोल दिये है।
Bejod Bastar : छत्तीसगढ़ में दो बड़े शक्तिपीठो को सड़क मार्ग से सीधे जोड़ने SH 5 सड़क मार्ग की योजना बनाई गई थी। इस योजना अंतर्गत शक्तिपीठ रत्नपुर को राजनांदगांव ,दल्लीराजहरा ,भानुप्रतापपुर ,से नारायणपुर होते हुए धौड़ाई ,से सीधे दंतेवाड़ा जिले को जोड़ा जाना था ,इसमें सबसे बड़ी चुनौती धौड़ाई से बारसूर तक सके मार्ग बनाने की थी। ऐसे में, सबसे बड़ी समस्या माओवादियों के उस आधार इलाके में थी जन्हा माओवादियों की तूती बोलती थी। समस्या दोनों जिलों की थी। जिसके बाद सुरक्षा का बीड़ा दोनों दोनों जिलों के सुरक्षा बलों के जवानो ने अपने कंधों पर ले लिया। ये दोनों जिलों कक फैसला महज 80 किलो मीटर का था लेकिन माओवादियों का सबसे बड़ा बेस हुआ करता था।
Bejod Bastar : दंतेवाडा और नारायणपुर जिलें के द्वारा संयुक्त ओपरेशन इन इलाको में लगातार लौंच किया गया। नक्सलियो के आधार इलाके में लगातार नक्सलियो से मुठभेड़ हुई। जवानो के लगातार इलाको में दश्तक ने नक्सलियो के बेस को इन्स्तेनाबुत किया। जिसके बाद दोनों जिलो के संयुक्त समन्वय से मार्ग में हर 5 किलोमीटर की दुरी पर कैम्पो स्थापित किये गए और लगातार सडक सूराक्ष डियूटी कर लगातार सडको का निर्माण कराया गया।
Bejod Bastar : नारायणपुर जिले की पुलिस के द्वारा 2017 से 2020 तक पल्ली बारसूर सडक मार्ग पर लगातार 3 बड़े कैमो को स्थापित किया गया यह कैम्प संयुक्त बलों के द्वारा खोला गया। कैम्प में I.T.B.P. भारतीय तिब्बत सीमा सुरक्ष बल ,C.A.F.छतीसगढ़ आर्म्स फ़ोर्स ,जिला पुलिस बल के जवानो को तैनात किया गया। वहीं दंतेवाडा जिले के द्वारा भी तीन नए कैम्प सडक सुरक्ष के लिए खोले गए वही इन कैम्पों की जिमीदारी C.R.P.F. केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल को दी गई। सडक सुरक्ष के दौरान जवानो ने अपनी जान न्योछावर कर दी। वहीं लगातर जवानो पर हुए नक्सली हमले में 8 जवानो शहादत हुए, जिसमे सबसे बड़ी घटना नारायणपुर कन्हारगाँव और कड़ेनार कैम्प के मध्य बुकिंगतोर नाले में हुई जिसमे 5 जवानो की शहादत हुई और 17 जवान गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
Bejod Bastar : नक्सलियो ने जवानो से भरी बीएस को अपना निशाना बनाया था, वहीं अलग अलग नक्सलो घटनाओ में भारतीय तिब्बत सीमा बल के जवानो ने भी अपनी जान दी। वहीं घटनाओं के बाद इलाके में लगातार नक्सलीयो के खिलाफ दोनों जिलो के जवानो के द्वारा संयुक्त ओपरेशन चलाया जा रहा है। वहीं अब जवानो के द्वारा सुरक्ष साए में नारायणपुर पल्ली बारसूर सड़क मार्ग पूरी तरह से बन कर तैय्यार है।
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नारायणपुर पल्ली बारसूर सडक मार्ग बनने के बाद दोनों जिलो के फासले कम हो गए है। नक्सल हमलो में यंहा शहीद हुए जवानो का बदला घनघोर जंगलो और पहाड़ो को चिर कर पक्की सड़क बनाकर निकाला गया लम्बे समय तक नक्सलियो के कब्जे को खाली काराया गया। आजादी के दशको बाद बनी सड़क ने दोनों जिलो के फासले कम कर दिए और यंहा के ग्रामीणों की तकदीर भी बदल दी ,स्वास्थ शिक्ष ,जैसी सुविधाओं का अभाव अब पूरी तरह से खत्म होता नजर आ रहा है।