रायपुर: Bejod Bastar छत्तीसगढ़ सरकार ने बस्तर के स्थानीय युवाओं को साथ लेकर नक्सलवाद की स्थाई समाधान की दिशा में बस्तर फाइटर्स की भर्ती को अहम बताया है। दरअसल स्थानीय युवाओं का बोली भाषा का जानकार होने से नक्सलवाद के प्रचार-प्रसार पर लगाम लगेगी, बल्कि स्थानीय युवा भी स्थानीय स्तर पर रोजगार पाकर प्रदेश की सेवा कर सकेंगे।
Bejod Bastar छत्तीसगढ़ सरकार के निर्देश पर बस्तर के 2100 नौजवान इन दिनों अलग-अलग प्रशिक्षण केंद्रों में नक्सलवाद के खिलाफ बड़ी लड़ाई के लिए प्रशिक्षण ले रहे हैं। ये सभी युवा बस्तर के सातों जिलों से चयनित किए गए हैं। स्थानीय युवाओं को रोजगार दें और स्थानीय युवाओं को भटकाने के लिए माओवादियों के प्रयास को लगाम लगाने बस्तर फाइटर्स की भर्ती खासी उपयोगी साबित होगी। एक दौर था जब माओवादियों की दहशत के आगे स्थानीय युवा पुलिस भर्ती में शामिल नहीं होते थे, लेकिन बीते कुछ सालों में माओवादियों के खिलाफ पुलिस की बढ़ती ताकत और सरकार के विकास कार्यों का असर यह हुआ है।
सरकार के प्रयासों का नतीजा है कि 2100 पदों पर बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों से 57 हजार आवेदन पुलिस को प्राप्त हुए थे, जिसके बाद शारीरिक मापदंड लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के बाद चयन सूची पुलिस विभाग द्वारा जारी की गई। इस चयन प्रक्रिया में 84% ग्रामीण इलाकों से उम्मीदवारों का चयन किया गया है।
पूरे जोश खरोश से अपना प्रशिक्षण पूरा कर रहे इन युवाओं का कहना है कि स्थानीय बोली भाषा का जानकार होने से उन्हें अपने इलाके में काम करने में सुविधा होगी। रोजगार के अवसर मिलने पर बस्तर के युवा ज्यादा से ज्यादा स्थानीय विकास में सहभागी होंगे। बस्तर फाइटर में 9 थर्ड जेंडर आवेदकों का भी सलेक्शन हुआ है। बस्तर आईजी ने बताया पहली बार बस्तर में थर्ड जेंडर पुलिस से जुड़कर अपनी सामाजिक भागीदारी सुनिश्चित करेंगे।
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इससे पहले सीआरपीएफ द्वारा बस्तर बटालियन में भी स्थानीय लोगों की भर्ती की गई थी। बस्तर फाइटर्स की भर्ती के जरिए स्थानीय युवाओं को पुलिस सेवा में और बेहतर अवसर मिलेंगे और माओवादियों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई में पुलिस को स्थानीय युवाओं का सहयोग भी युवाओं के पुलिस में शामिल होने के प्रयासों से ही समझा जा सकता है कि बस्तर में स्थानीय स्तर पर माओवादियों की विचारधारा कमजोर हो रही है और राज्य सरकार की पहल बस्तर में नक्सलवाद के स्थाई समाधान की तरफ बढ़ रही है।